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अगर आप रात्रि में देर से सोते हैं तो इन बीमारियों से जूझने को तैयार रहें, सोने व जागने का सही समय क्या है

कहा भी गया है कि अगर आप रात में जल्दी सोते हैं और सुबह जल्दी बिस्तर छोड़ते हैं तो आधे से ज्यादा रोग आपक पास नहीं फटक सकते. लेकिन आजकल लोगों की दिनचर्या बिगड़ती जा रही है. लोग मोबाइल फोन के ऐसे गिरफ्त में आ चुके हैं कि देर रात तक उसी से चिपके रहते हैं. पहले टीवी देखने और इसके बाद मोबाइल में ज्यादा समय खपाने के कारण लोग लोग देर रात सोते हैं. जब देर रात में सोएंगे तो स्वाभाविक है कि उठेंगे भी देर से. और यहीं से आप बीमारियों को आमंत्रण देते हैं.

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देर रात सोने वालों की नींद पूरी नहीं होती

कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि देर रात सोने वाले सुबह कितनी भी देर से उठें, उनकी नीद पूरी नहीं हो सकती. अगर शरीर को पूरी नींद नहीं मिलती है तो इसके दुष्परिणाम धीरे-धीरे सामने आने लगते हैं. नींद की कमी के कारण शारीरिक समस्या के साथ ही मानसिक समस्याएं प्रकट होने लगती हैं. कई शोधों में ये साबित हो चुका है कि रात में देर से नींद लेने वालों की अपेक्षा समय पर सोने वाले और सुबह जल्दी उठने वाले मानसिक और शारीरिक रूप से फिट हैं. अगर आप भी देर रात तक टीवी, मोबाइल या लैपटॉप में व्यस्त रहते हैं तो बीमारियां से घिरना तय है.

देर से सोने वाले इन बीमारियों को देते हैं खुला निमंत्रण

जानकारों के अनुसार देर रात सोने वालों को हार्ट की समस्या शुरू हो जाती है. रात को देर से सोने के कारण हार्ट प्रॉब्लम का खतरा कई गुना तक बढ़ना तय है. क्योंकि देर रात सोने के कारण बीपी हाई हो जाता है. इससे ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के खतरे बढ़ जाते हैं. इसके साथ ही देर रात सोने वालों की प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है. इससे शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता लगातार कम होती जाती है. महिला हो या पुरुष, रात्रि में देर से सोने के कारण उनकी यौन क्षमता प्रभावित होती है. अगर देर रात बिस्तर पर पहुंचते हैं तो ये तय है कि आपको डायबिटीज होना तय है. देर से सोने के कारण कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है. रात में देर से सोते हैं तो मोटापा व वजन बढ़ने, सिरदर्द, कमर दर्द की समस्या पैदा हो सकती है. साथ ही डिप्रेशन हो सकता है.

रात्रि में सोने का सही समय क्या है

आयुर्वेद के अनुसार अगर आपको अपनी सेहत से प्यार है. आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो रात्रि में 10 से 11 बजे के बीच हर हालत में सो जाएं. क्योंकि पूरी नींद लेने के लिए आपको कम से 7 घंटे चाहिए. अगर अधिकतम 11 बजे रात्रि में सो जाते हैं तो सुबह 5 से 6 बजे के बीच नींद स्वाभाविक रूप से खुल जाएगी. सूर्योदय से पहले बिस्तर छोड़ने से आधी बीमारियां वैसे ही पास नहीं आती. इसके लिए जरूरी ये है कि आप रात्रि भोजन 8 से 9 बजे के बीच कर लें और ये भोजन भी हल्का लें. अगर रात्रि 8 बजे हल्का भोजन लेकर कम से कम 500 मीटर वॉक कर लेते हैं ये सारा खाना पच जाएगा और नींद भी अच्छी आएगी. सुबर पेट भी पूरा साफ होगा. वैसे जानकार ये भी कहते हैं कि अगर सूर्यास्त के बाद भोजन न किया जाए तो ये सेहत के लिए और भी अच्छा है.

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