भारत-पाकिस्तान में बढ़ती दुश्मनी के बीच आतंकी सगंठन लश्कर-ए-तैयबा (LET) की राजनीतिक शाखा पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) पाकिस्तान भर में भारत के खिलाफ रैलियां कर रहा है. इन रैलियों में 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड और संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकवादी लिस्ट में शामिल हाफिज सईद के पुराने भड़काऊ भाषण भी सुनाई दे रहे हैं जिसमें वो भारत को धमकियां दे रहा है.
मरकजी मुस्लिम लीग ने लाहौर, कराची, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, फैसलाबाद, गुजरांवाला और हाफिजाबाद समेत कई प्रमुख पाकिस्तानी शहरों में प्रदर्शन आयोजित किए. प्रदर्शनकारियों ने भारत विरोधी नारे लगाए और भारत पर “जल आक्रामकता” का आरोप लगाया, उस पर अवैध रूप से बांध बनाने का आरोप लगाया जो पाकिस्तान की नदी तक पहुंच को रोकता है.
#BREAKING This week Pakistan Markazi Muslim League (the new face of Lashkar e Taiba political wing) organized rallies across Pakistan against #India where they broadcasted old speeches by #HafizSaeed, the mastermind of #MumbaiAttacks & jihadi terrorism in India.
Listen in: pic.twitter.com/nqZRU6fRt7
— Taha Siddiqui (@TahaSSiddiqui) April 30, 2025
“इन नदियों में खून बहेगा” – हाफिज सईद का पुराना भाषण फिर सामने आया
रैलियों में आयोजकों ने हाफिज सईद के पिछले भाषणों को प्रसारित किया. एक भाषण में सईद को एक भयावह चेतावनी देते हुए सुना जा सकता है. वो कह रहा है, ‘तुम पाकिस्तान के पानी को रोकोगे, तुम्हें लगता है हम चुप रहेंगे? सुनो, तुम पानी बंद करोगे तो हम तुम्हारी सांसें बंद कर देंगे. दरियाओं में सिर्फ खून बचेगा!’
पीएमएमएल के नेता भी इसी तरह की बयानबाजी कर रहे हैं. वो दावा कर रहे हैं कि भारत “कूटनीतिक सीमाएं पार कर रहा है” और उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत के तथाकथित उकसावे जारी रहे तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.
पाकिस्तान में आतंकी संगठनों से जुड़े राजनीतिक दलों का प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के बाद हो रहा है. बीते मंगलवार को बैसरन घाटी में आतंकियों ने हमला किया था जिसमें 26 लोग मारे गए और 20 से ज्यादा घायल हुए थे. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है.
हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान के सैन्य-खुफिया एजेंसियों पर आतंकवादी समूहों को पनाह देने का आरोप लगाया और कड़े कूटनीतिक कदम उठाए. पाकिस्तान को भारत के जिस कदम से सबसे ज्यादा चोट पहुंचा है वो है 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित करना. भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को बेहद सीमित कर दिया है और भारत आए सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर उन्हें पाक वापस भेज दिया गया है.
पीएमएमएल: लश्कर-ए-तैयबा का राजनीतिक मुखौटा
पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग को लश्कर-ए-तैयबा के लिए एक कवर संगठन के रूप में देखा जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित होने के बावजूद, लश्कर ने लंबे समय से सरोगेट पार्टियों के जरिए राजनीति में घुसकर पाकिस्तान में प्रासंगिकता बनाए रखने की कोशिश की है.
लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का पीएमएमएल से गहरा संबंध है. उसके बेटे तल्हा सईद ने 2024 के आम चुनावों में लाहौर के एनए-122 निर्वाचन क्षेत्र से पीएमएमएल के टिकट पर चुनाव लड़ा था. उसे केवल 2,041 वोट मिले और वो छठे स्थान पर रहा था. चुनाव से संकेत मिला कि यहां तक कि पाकिस्तान के लोग भी चरमपंथी राजनीतिक को स्वीकार नहीं कर रहे.
पाकिस्तान को दोगला रवैया
पहलगाम हमले के बाद भारत ने एक बार फिर अपनी मांग दोहराई है कि पाकिस्तान अपनी धरती से संचालित होने वाले आतंकी ढांचे को नष्ट करे. राजनीतिक कार्यक्रमों में हाफिज सईद के भाषणों का फिर से सामने आना और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूहों के खुलेआम सड़कों पर लामबंदी ने भारत की इस स्थिति को और मजबूत कर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय जांच के बावजूद पाकिस्तान कट्टरपंथी तत्वों को मदद कर रहा है.
पाकिस्तान में आतंकी संगठन से जुड़े राजनीतिक संगठनों की रैलियों में बढ़ोतरी ने एक बार फिर पाकिस्तान की दोगली रणनीति को उजागर कर दिया है जिसमें वो विदेशों में तो आतंकवादी संबंधों को नकारता है, लेकिन घरेलू स्तर पर चरमपंथी समूहों को सशक्त बनाता है.