‘BJP को हराना है तो मैदान छोड़िए…’, ओवैसी की चिट्ठी पर RJD ने किया पलटवार

बिहार में चुनाव हैं और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के ऑफर पर सियासी माहौल गरमा गया है. अब आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने प्रतिक्रिया दी है और कहा, ओवैसी का बेस हैदराबाद में है. कभी-कभी चुनाव ना लड़ना भी मदद करना होता है. अगर वो बीजेपी को हराना चाहते हैं तो चुनाव ना लड़ें.

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दरअसल, ओवैसी की पार्टी AIMIM ने चुनाव से ठीक पहले एक चौंकाने वाला दांव चला है और खुद को INDIA ब्लॉक में शामिल करने की पेशकश कर दी है. AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चिट्ठी लिखी है और महागठबंधन में शामिल किए जाने की मांग रखी है.

अब आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने प्रतिक्रिया दी और कहा, ओवैसी साहब का आधार हैदराबाद में है. उनके चुनाव लड़ने या ना लड़ने से क्या होता है और क्या नहीं होता… यह बात ओवैसी साहब जानते हैं और उनके सलाहकार भी जानते हैं. अगर आपकी मंशा है कि बीजेपी के अधिनायकवादी चरित्र को शिकस्त दी जाए और नफरत की उनकी राजनीति को हराया जाए तो तो कई दफा चुनाव ना लड़ने का फैसला भी उसी तरह का फैसला होगा. मुझे उम्मीद है कि वो इस पर विचार करेंगे.

मनोज झा का कहना था कि कई बार चुनाव में ऐसे क्षण आते हैं जब आप ना लड़ने का फैसला… तेजस्वी जी के नेतृत्व में पूरे महागठबंधन को… मैं समझता हूं कि तेजस्वी जी ने महागठबंधन में लंबी लकीर खींच दी है. इस लकीर को समझते हुए मैं ओवैसी को आग्रह करूंगा. ये चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है. देश की राजनीति को भी दिशा देगा.

जेडीयू ने क्या कहा…

वहीं, जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा, ओवैसी क्या अपने बयान पर टिकेंगे जो उन्होंने पहले दिए हैं. आरजेडी ने ओवैसी के 4 विधायक तोड़ लिए थे. आरजेडी बिना दान और जकात के कुछ काम नहीं करती है. ओवैसी साहब बिना दान के लालू गेट नहीं खोलेंगे.

AIMIM ने चिट्ठी में क्या लिखा?

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा, साल 2015 से AIMIM बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही है और शुरुआत से ही यह प्रयास करती रही है कि चुनावों में सेक्युलर वोटों का विभाजन ना हो. वे मानते हैं कि सेक्युलर वोटों का विभाजन सांप्रदायिक शक्तियों को सत्ता में आने का मौका देता है और इसी सोच के साथ AIMIM पहले भी महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा रखती थी. लेकिन पहले के प्रयास सफल नहीं हो पाए और अब जबकि 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं- AIMIM चाहती है कि उसे महागठबंधन में शामिल किया जाए.

उन्होंने कहा कि राजद, कांग्रेस और लेफ्ट दलों के कई वरिष्ठ नेताओं से इस विषय में बातचीत हो चुकी है, जिसकी मीडिया में भी चर्चा हुई है. यदि सभी दल मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ते हैं तो AIMIM को पूरा विश्वास है कि सेक्युलर वोटों का विभाजन रोका जा सकेगा और बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी. अंत में उन्होंने आग्रह किया है कि इस प्रस्ताव पर सकारात्मक निर्णय लेकर उन्हें यथाशीघ्र अवगत कराया जाए. ये चिट्ठी 2 जुलाई 2025 को लिखी गई.

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