अगर आप आने वाले दिनों में अमेरिका, कनाडा या यूरोप जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपका खर्च बढ़ सकता है. पश्चिम एशिया (West Asia) में तनाव के वजह से एयरलाइन कंपनियां ईरान के एयरस्पेस से बच रही हैं. इस कारण फ्लाइट्स में सामान्य ट्रेवल टाइम के मुकाबले 45 मिनट ज्यादा समय लग रहा है. भारत की प्रमुख एयरलाइन कंपनियां जैसे एयर इंडिया, विस्तारा और इंडिगो समेत कई एयरलाइन कंपनियों के विमान ईरान के एयरस्पेस से दूरी बना रही हैं. वे मध्य एशिया (Middle East) और अरब प्रायद्वीप के ऊपर से उड़ान भर रही हैं.
रूट में बदलाव होने से उन्हें ज्यादा ईंधन की जरूरत पड़ रही है. फ्यूल कॉस्ट बढ़ने से इन कंपनियों पर दवाब बढ़ गया है. अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो आने वाले दिनों में अमेरिका और यूरोप जाने वाले यात्रियों को ज्यादा किराया देना पड़ सकता है.
हाल ही में ईरान ने इजरायल पर सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन दागे थे. आशंका जताई जा रही है कि इजरायल जल्द ही बदले की कार्रवाई कर सकता है. यही वजह है कि विमानन कंपनियां ईरान के एयरस्पेस को यूज करने से बच रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली और मुंबई से लंदन, पेरिस, फ्रैंकफर्ट और न्यूयॉर्क जैसे शहरों के लिए फ्लाइट्स में 15 से 45 मिनट का समय अधिक लग रहा है. टाटा ग्रुप की एयरलाइन विस्तारा का कहना है कि उसके विमान आपात एयर रूट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे फ्लाइट्स के पहुंचने का टाइम बढ़ गया है और फ्लाइट्स में देरी हो रही है. अधिकारियों का कहना है कि भारत से अमेरिका, कनाडा, यूरोप और मिडिल ईस्ट देशों के लिए हवाई किराया बढ़ सकता है.
कमर्शियल एयरलाइन्स किराए को एडजस्ट करने के लिए डायनैमिक प्राइसिंग का इस्तेमाल करती हैं. यह कई फैक्टर्स पर निर्भर होता है जिसमें रूट भी शामिल है. अगर रूट लंबा होगा तो एयरलाइन कंपनियों के लिए वह ज्यादा महंगा होगा. ईरान ने इजरायल पर हमला करने से पहले एयर मिशन्स को नोटिस जारी कर इसकी जानकारी दी थी. विमानों को ईरान के एयरबेस से बचने की सलाह दी गई थी.
इजरायल की बदले की कार्रवाई की आशंका को देखते हुए अधिकांश विमानन कंपनियां ईरान के एयरस्पेस से बच रही हैं. इससे उनका रूट लंबा हो गया है. उदाहरण के लिए विस्तारा की मुंबई-पेरिस नॉन-स्टॉप फ्लाइट करीब 45 मिनट ज्यादा समय ले रही है.