Delhi Govt Schools: दिल्ली के सरकारी स्कूल में अगर आपका बच्चा पढ़ता है तो उसे सरकार की तरफ से 20 हजार रुपये तक की मदद मिल सकती है. सरकार ने स्कूलों से ही बच्चों को उद्यमी बनाने की तैयारी की है. इसी योजना के तहत कुछ प्रोजेक्ट वर्क करने के लिए सरकार 20 हजार रुपये तक की मदद देगी.
इस योजना का नाम न्यू एरा ऑफ इंटरप्रिन्यूरियल ईकोसिस्टम एंड वीजन (NEEEV) है. इसका मकसद स्कूल के बच्चों को नया सोचना, समस्याओं को सुलझाना और अपने पैरों पर खड़े होना सिखाना है. यह योजना अभी चल रहे स्कूल सत्र में 8वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए लागू होगी. यह सिर्फ किताबी पढ़ाई तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि बच्चों को असल में बिजनेस करना सिखाएगी.
NEEEV क्यों है खास?
NEEEV की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बच्चों को खास तरीके से उद्यमी बनने की ट्रेनिंग देगी. शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों को इस योजना के बारे में पूरी जानकारी भेजी है. उन्होंने प्रिंसिपल से कहा है कि वे अपने स्कूल में एक NEEEV स्कूल प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर चुनें. ये कोऑर्डिनेटर शिक्षकों में से ही होंगे और स्कूल में होने वाली सभी गतिविधियों का ध्यान रखेंगे. हर हफ्ते तय शिक्षकों की ओर से क्लास ली जाएंगी. इन क्लास में खुद करके सीखने पर जोर दिया जाएगा. इसमें बच्चों को यह सिखाया जाएगा कि उद्यमी बनने के लिए जरूरी बातों को असल दुनिया में कैसे इस्तेमाल करें.
NEEEV में होंगी ये 4 चीजें
- NEEEV डायलॉग: इसमें जाने-माने उद्यमी और बिजनेस के जानकार लोग बच्चों से बात करेंगे. इससे बच्चों को सीखने और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी.
- स्टार्टअप स्टॉर्मर्स: यह कई चरणों वाली एक प्रतियोगिता होगी. इसमें बच्चे अपने नए बिजनेस आइडिया सोचेंगे, उन्हें दूसरों के सामने रखेंगे और फिर उन पर काम भी करेंगे.
- ऐसे मिलेगा फंडः जिन छात्र समूहों के आइडिया चुने जाएंगे, उन्हें अपने नए आइडिया (प्रोटोटाइप) बनाने या अपना बिजनेस शुरू करने के लिए हर प्रोजेक्ट पर 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी.
- उपकरण भी मिलेंगेः जिन स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब (ATLs) हैं, वहां बच्चों को 3D प्रिंटर, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) किट, AI और रोबोटिक्स से जुड़े सामान और विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, गणित (STEM) सीखने के तरीके जैसे आधुनिक उपकरण भी मिलेंगे.
योजना को कैसे लागू किया जाएगा?
NEEEV को अच्छे से लागू करने के लिए हर स्कूल में एक स्कूल इनोवेशन काउंसिल (SIC) बनाई जाएगी. इसकी अगुवाई प्रिंसिपल या स्कूल के हेड करेंगे. इसके अलावा, बेहतर तालमेल और निगरानी के लिए जिले और जोन स्तर पर भी इनोवेशन काउंसिल बनाई जाएंगी. हर जोन और जिले में कुछ खास नोडल स्कूल भी चुने जाएंगे.