महाराष्ट्र विधानसभा ने शुक्रवार को राज्य में जेल प्रणाली में सुधार के लिए एक विधेयक पारित किया गया. इस विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा. इसके लिए मुंबई में बीएमसी से जमीन मांगी गई है. उन्होंने कहा कि चूंकि ये विदेशी नागरिक होते हैं. ऐसे में उन्हें जेल में नहीं रखा जा सकता है. इस कारण उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा.
सीएम फडणवीस ने कहा कि हाल के दिनों में हमने देखा है कि ड्रग मामले, अवैध प्रवेश मामले, अवैध बांग्लादेशी, वे सभी विदेशी नागरिक हैं और उन्हें सीधे हमारी जेलों में नहीं रखा जा सकता है. उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि बीएमसी ने हमें डिटेंशन कैंप बनाने के लिए जमीन दी है, लेकिन वह जमीन डिटेंशन कैंप के मानदंडों के अनुरूप नहीं है. इसलिए हमने बीएमसी से दूसरी जमीन मांगी है. इसलिए, मुंबई में एक डिटेंशन सेंटर बनाया जाएगा.
महाराष्ट्र कारागार एवं सुधार सेवा अधिनियम, 2024 हुआ पारित
महाराष्ट्र विधानसभा में महाराष्ट्र कारागार एवं सुधार सेवा अधिनियम, 2024 ध्वनि मत से पारित हो गया. इस विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयककेंद्र द्वारा राज्यों को भेजे गए मॉडल कारागार विधेयक, 2023 पर आधारित है. उन्होंने कहा कि मुंबई में एक उच्च सुरक्षा वाला कारागार एवं डिटेंशन सेंटर बनाया जाएगा. वहीं, पुणे में एक जेल बनाई जा रही है. यह कारागार दो मंजिला होगी.
Nagpur, Maharashtra: In the legislative assembly, CM Devendra Fadnavis says, "In recent times we have seen that in drug cases, illegal entry cases, illegal Bangladeshis, they are all foreign nationals and they cannot be kept directly in our jails. They have to be kept in… pic.twitter.com/LCz1NPsN3u
— ANI (@ANI) December 20, 2024
खुली कारागार और विशेष कारागार बनाने का प्रस्ताव
सीएम ने स्वीकार किया कि राज्य में जमानत पाने वाले 1,600 से अधिक आरोपियों के पास जमानत बांड का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं है. इस कारण वे जेल में कैद का जीवन बीता रहे हैं.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र कारागार एवं सुधार सेवा अधिनियम, 2024 में महिलाओं के लिए खुली कारागार, विशेष कारागार, अस्थायी कारागार और खुली कॉलोनी जैसी कारागार के प्रावधान हैं.
फडणवीस ने कहा कि खुली कारागार एवं खुली कालोनियां पूर्व जेल कैदियों को उनकी रिहाई के बाद पुनर्वास एवं पुनः एकीकरण में मदद करेंगी. विधेयक में ‘कारागार एवं सुधार कारागार बल’ के गठन का भी प्रावधान है.