अवैध खनन! लीज है न ही परमिशन…, कराहल में पत्थर और मुरम का कारोबार चरम पर

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कराहल तहसील के रानीपुरा गांव में बड़े पैमाने पर अवैध मुरम का उत्खनन जोरों से किया जा रहा है.

आपको बता दें मुरम का खनन होने की जानकारी स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन को भी है. लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने आज तक एक ट्रैक्टर ट्रॉली अवैध खनन का नहीं पकड़ा है. अधिकारियों और कर्मचारियों के सामने से ट्रैक्टर ट्रॉली अवैध पत्थरों और मुरम से भरी निकल जाती है. लेकिन प्रशासन के कर्मचारी मूक दर्शक बने हुए हैं. लगातार अवैध खनन से राजस्व भूमि का अस्तित्व समाप्त होते जा रहा है.

वहीं सरकार के राजस्व में भी भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. जानकारी अनुसार रानीपुरा गांव में यहां प्रतिदिन सुबह 8 बजे से देर रात तक मुरम का खनन किया जाता है. खदान चलाने के लिए सरकार से किसी तरह की कोई लीज नहीं ली गई है. खनन माफियाओं की मुख्य जगह कराहल क्षेत्र की तलाई है या फिर कही वन विभाग की जमीनों पर भी खदानें बना रखी हैं. यहां खनन माफियाओं को अच्छा खासा मुरम मिल रहा हैं। तलाई में मुरम उत्खनन की वजह से जहां तहां बड़े-बड़े गड्ढे निकल आए हैं. जमीन पूरी तरह से ऊबड़ खाबड़ और बंजर हो गई है. कई जगह गहरे गड्ढे हो गए हैं। पत्थर माफिया न केवल सारे नियम कानून को ताक में रखकर कार्य करते हैं. बल्कि अवैध तरीके से पत्थर निकलते है. कराहल थाना क्षेत्र अवैध खनन जोरों से चल रहा है.

इलाके में पत्थर मुरम मिट्टी भी सुरक्षित नहीं बची

सत्ता परिवर्तन के साथ इस कार्य में लोग जरूर बदल गए हैं. लेकिन खनन लगातार चलता रहा. मिट्टी माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि पहले यह कार्य रात के अंधेरे में होता था अब यह कार्य दिन के उजाले में हो रहा है कस्बे में इन दिनों मिट्टी खनन का कारोबार बिना किसी रोक टोक के चल रहा है. भोर होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं बंजर भूमि जेसीबी लगाकर मिट्टी खनन शुरू हो जाता है. तालाबों से अवैध पत्थर मुरम और मिट्टी निकाली जा रही है.

इस संबंध में हल्का पटवारी अजय भारद्वाज से बातचीत की गई थी तो उन्होंने कहा कि रानीपुर में किसी भी मुरम खदान नहीं है.

 

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