महानदी के तट पर 20 करोड़ से अधिक के रेत का अवैध भंडारण, आंख मूंदकर बैठा प्रशासन..

 महानदी के तट पर स्थित आरंग और अभनपुर तहसील के 18 गांवों में 200 से अधिक जगहों पर रेत का अवैध भंडारण किया गया है। इसकी अनुमानित कीमत 20 करोड़ रुपये से अधिक है। इस पर जिम्मेदार आंखें मूंदकर बैठे हैं। 10 दिन पहले जो रेत 10 हजार रुपये हाईवा मिलती थी, अब वह सीधे 20 हजार रुपये हो गई है।अवैध भंडारण की गई रेत गांवों की खाली में पड़ी जमीन पर है। यह जमीन भी सरकारी है।

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बता दें कि शासन के तय नियमों के मुताबिक भंडारण के लिए खनिज, राजस्व, पंचायत, पुलिस और पर्यावरण विभाग जिम्मेदार हैं, लेकिन कोई भी जिम्मेदारी लेने तैयार नहीं। खनिज भंडारण को लेकर शासन ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद भी नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।

20 करोड़ से ज्यादा की रेत स्टॉक

महानदी के किनारे 200 से ज्यादा जगहों पर 2 लाख हाईवा से ज्यादा रेत डंप है। इसकी जानकारी सरकार के रिकॉर्ड में नहीं है। नईदुनिया पड़ताल में सरकारी जमीन को रेत भंडारण स्थल बनाने की पुष्टि हुई। हरदीडीह, कागदेही, करमदी, चिखली, कुम्हारी, गौरभाठ, लखौली, रसनी में 20 करोड़ रुपये की रेत स्टॉक की गई है। हर ट्रिप में रेत 12000 रुपये की दर से बेची जा रही है। वहीं बाजार में इसकी कीमत 18,000 से 20,000 रुपये प्रति हाईवा हो गई है। करोड़ रुपये की रेत का स्टाक हरदीडीह, कागदेही, करमदी सहित अन्य गांवों में किया गया है

भंडारणकर्ता को यह करना अनिवार्य

  • भंडारण स्थल पर केवल वैध स्रोत से खनिज ही जमा किया जा सकेगा।
  • लाइसेंसधारी तय मात्रा से अधिक खनिज नहीं रख सकेगा।
  • ज्यादा भंडारण करने पर अलग से शुल्क देकर अनुमति लेनी होगी।
  • खुले में नहीं, ढके हुए स्थान पर ही खनिज रखना होगा।
  • अस्थायी यार्ड को भी पक्की दीवार या तारबंदी से घेरना जरूरी होगा।
  • वाहनों से खनिज भेजते वक्त ‘प्ररूप-10’ में रॉयल्टी पिट पास रखना होगा।
  • रजिस्टर में कार्बन कापी सहित पूरी एंट्री रखनी अनिवार्य होगी।
  • तिरपाल से ढककर ही खनिज का परिवहन करना होगा।
  • साथ में तौल पर्ची भी होनी चाहिए।
  • वाहन चालक को पिट पास दिखाना जरूरी होगा।

भंडारण करने वाले के लिए तय नियम

  • हर महीने 5 तारीख तक भंडारण की मासिक रिपोर्ट खनिज विभाग को देनी होगी।
  • स्टाक स्थल पर अनुज्ञप्तिधारी का नाम, क्षेत्र, खनिज की मात्रा की जानकारी सूचना पटल पर चस्पा करना।
  • बिना अनुमति स्टाकिंग, सड़क पर भंडारण, या अनुज्ञप्तिधारी क्षेत्र से बाहर काम मिलने पर लाइसेंस निरस्त हो सकता है।
  • किसी भी नियम का उल्लंघन होने पर 15 दिन में नोटिस देकर अनुज्ञप्ति रद की जा सकती है।
  • साथ ही 50 हजार की प्रतिभूति राशि भी जब्त हो सकती है।
  • यदि स्टाक क्षेत्र में कोई दुर्घटना होती है, जिससे जान-माल का नुकसान हो तो उसकी रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर पुलिस, कलेक्टर और संचालनालय को देना अनिवार्य है।

खनिज विभाग को करनी है इसकी जांच

  • स्टाक यार्ड का निरीक्षण करना है।
  • स्टाक का तौल, नाप-जोख कर रिपोर्ट बनाना है।
  • स्टाक क्षेत्र की भूमि संबंधी दस्तावेजों की जांच करनी है।
  • नमूना संग्रह कर जांच के लिए भेजा जा सकेगा।

पर्यावरण विभाग के लिए यह है नियम

  • स्टाक के लिए पर्यावरण विभाग की अनुमति अनिवार्य।
  • जल अधिनियम 1986 के तहत पूरी जिम्मेदारी होगी।
  • नदी से तय दूरी के भीतर संग्रहण पर कार्रवाई।

हाई कोर्ट भी दे चुका है निर्देश

हाई कोर्ट ने बहुत पहले स्पष्ट किया है कि रेत खनन, भंडारण और परिवहन करने वालों को सिर्फ जुर्माना लगाकर छोड़ना नहीं चाहिए, बल्कि फौजदारी कार्रवाई की जानी चाहिए। इसको लेकर हाईकोर्ट ने अवैध रेत खनन से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। यह सिर्फ माइनिंग एक्ट तक सीमित नहीं है, बल्कि महानदी एक्ट और विधि के अनुसार कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को अवैध रेत खनन पर सख्त निर्देश देते हुए नियमित निगरानी देने का भी कहा था।

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