भिलाई नगर निगम में आने वाले कोहका क्षेत्र के 200 घरों में रुपए लेकर अवैध नल कनेक्शन लगाए जाने का मामला सामने आया है। पैसा और डाक्यूमेंट्स लेने के बाद लोगों को उसकी रसीद भी नहीं दी गई। ये आरोप निगम के MIC मेंबर और जल कार्य प्रभारी केशव चौबे ने लगाए हैं। इसके बाद निगम आयुक्त ने मामले में जांच के निर्देश दिए हैं।
वर्तमान में भिलाई नगर निगम के कई वार्ड पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। वहीं कोहका क्षेत्र अंतर्गत शिक्षक नगर, सनातन नगर, बजरंग पारा, विवेकानंद नगर, आर्य नगर में लगभग 200 से अधिक लोगों के घरों में अवैध नल कनेक्शन किया गया है।
जब इसकी जानकारी निगम के जल कार्य प्रभारी (एमआईसी मेंबर/ मंत्री) केशव चौबे को हुई तो खुद उन वार्डों में असलियत पता करने पहुंच गए। वो सभी मोहल्ले जांच करने पहुंचे। इस दौरान जिनके घरों नल कनेक्शन किया गया, उनसे एक-एक करके बात की गई।
पूछताछ में लोगों ने बताया कि उनसे 5000, 7000, 10 हजार, 15 हजार रुपए लेकर उनके घरों में नल कनेक्शन किया गया है।
लोगों ने बताया कि उनसे उनके घर के दस्तावेज के साथ आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज लिए गए। जब लोगों ने पैसों की रसीद मांगी तो पैसा लेने वाले ने एक दो दिन में रसीद देने का बहाना किया और चले गए।
मामले की जांच के दिए गए निर्देश
जब इस मामले को निगम आयुक्त राजीव पाण्डेय के सामने रखा गया तो आयुक्त ने जांच के निर्देश दिए। उन्होंने जोन 1 के जोन आयुक्त अजय सिंह राजपूत को जांच के निर्देश दिए। उनके निर्देश में एक जांच समिति बनाई गई। कार्यपालन अभियंता अखिलेश चंद्राकर के नेतृत्व में निगम की टीम इस पूरे मामले की जांच करेगी।
कांग्रेस-भाजपा दोनों पार्टी के पार्षदों ने किया दौरा
इस पूरे मामले में कांग्रेस पार्षद पर मिलीभगत का आरोप लग रहा है। इसलिए इसकी जांच खुद जल प्रभारी मंत्री यानि कांग्रेस के पार्षद केशव चौबे ने भाजपा पार्षद महेश वर्मा के साथ मिलकर की। महेश वर्मा ने कहा- आम जनमानस के साथ वार्ड के ही कुछ लोगों द्वारा धोखा किया जा रहा है। इसकी शिकायत निगम आयुक्त से की जा रही है।
कई लाख का किया गया घोटाला
केशव चौबे के अनुसार कोहका क्षेत्र में 5 हजार से लेकर 15 हजार रुपए लेकर नल कनेक्शन का दिया गया। यदि एक कनेक्शन के पीछे ली गई रकम औसत 5 हजार रुपए भी माना जाए तो कुल 200 घरों में कनेक्शन किया गया है। इस तरह सो निगम में क्षेत्र में भोले भाले लोगों को बेवकूफ बनाकर 10 लाख रुपए से अधिक का घोटाला किया गया है।