वाराणसी के दुर्गाकुंड क्षेत्र में मर्दाना इमामबाड़ा को वाराणसी नगर निगम की तरफ से सरकारी संपत्ति होने का दावा किया गया है. अब इसके बाद यह मामला काफी सुर्खियों में है. नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची जहां पर मौजूदा वक्त में कब्जदारों की तरफ से इस बात पर भी आपत्ति जताई गई कि बिना कोई जानकारी अथवा सूचना दिए अचानक प्रशासन के लोग पहुंचे और उनसे इमामबाड़े से जुड़े दस्तावेज मांगने लगे. हालांकि इस मामले पर नगर निगम ने उन्हें 48 घंटे का वक्त दिया है.
क्या नगर निगम के जमीन पर बना इमामबाड़ा ?
वाराणसी नगर निगम द्वारा दुर्गाकुंड क्षेत्र के मर्दाना इमामबाड़ा को सरकारी संपत्ति बताया गया है. इसके बाद नगर निगम ने वहां के कब्जेदारों को 48 घंटे का समय दिया है कि इस इमामबाड़ा से संबंधित दस्तावेज को दिखाया जाए नहीं तो यहां पर नगर निगम का अधिग्रहण होगा. इस पूरे प्रकरण को लेकर एबीपी न्यूज़ की टीम ग्राउंड पर पहुंची जहां पर सबसे पहले स्थानीय निवासी राहुल यादव ने बताया कि – हां यहां पर नगर निगम की टीम पहुंची थी. इस इमामबाड़े के अंदर कुआं है, हम लोग इसे बचपन से देख रहे हैं. अगर इनके पास दस्तावेज है तो प्रशासन के समक्ष पेश करें जहां तक मेरी समझ है यह इमामबाड़ा ज्यादा पुराना नहीं है.
जब इस मामले पर एबीपी न्यूज ने इमामबाड़ा के मुतवल्ली नवाब मिर्जा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि – बिल्कुल हमारे पास सभी दस्तावेज हैं. लेकिन प्रशासन के लोगों ने बिना कोई सूचना दिए हमसे यह दस्तावेज अचानक मांगा था. हम बिल्कुल उनके समक्ष रखेंगे और एकदम स्पष्ट कहना चाहते हैं कि यह सैकड़ो वर्ष पुराना इमामबाड़ा है.
1 दिन की और मोहलत
वहीं 20 अगस्त को वाराणसी नगर निगम द्वारा दिया गया अल्टीमेटम समाप्त हो गया. जिसके बाद एक दिन की और अवधि इमामबाड़ा के मुतवल्ली को प्रदान की गई है. ऐसे में इस विषय को लेकर शहर में चर्चाओं का दौर तेज है. नगर निगम का साफ कहना है कि अगर दस्तावेज नही उपलब्ध कराए जाते हैं तो इस पर सरकारी अधिग्रहण होगा.