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भारत की ताकत पर IMF की मुहर, दुनिया में कोई देश नहीं दे पाएगा टक्कर

कोविड महामारी के दौरान से ही भारत ने अपनी मजबूत इकोनॉमी के दर्शन दुनिया को करा दिए थे. तब से अब तक भारत की ग्रोथ लोहा लगातार देखने को मिल रहा है. जिसपर वर्ल्ड बैंक के बाद इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ ने भी अपनी मुहर लगा दी है. भले ही IMF ने भारत की ग्रोथ अनुमान में कोई बदलाव ना किया हो, जियो पॉलिटिकल टेंशन के बीच दुनिया की बाकी इकोनॉमी में मंदी के साफ संकेत देखे जा रहे हैं. ऐसे में भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ का स्थिर रहना भी काफी अच्छा संकेत माना जा रहा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आईएमएफ की ओर से देश की GDP को लेकर क्या अनुमान लगाया है.

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आईएमएफ का अनुमान

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ ने मंगलवार को कहा कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के 2023 के 8.2 फीसदी से घटकर 2024 में सात प्रतिशत पर आने का अनुमान है. 2025 में यह और घटकर 6.5 फीसदी रहेगी. आईएमएफ ने कहा कि कोविड महामारी की वजह से बनी दबी मांग खत्म हो गई है, क्योंकि इकोनॉमी अपनी क्षमता के साथ फिर से आकार ले रही है. आईएमएफ ने ग्लोबल इकोनॉमी के बारे में कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई काफी हद तक जीत ली गई है, हालांकि कुछ देशों में कीमतों का दबाव बना हुआ है. भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में मजबूत घरेलू मांग के कारण देश की ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी लगाया था। वर्ल्ड बैंक ने भी वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की जीडीपी आ अनुमान 7 फीसदी ही रखा है.

कितनी रह सकती है महंगाई

कोर इंफ्लेशन 2022 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 9.4 प्रतिशत की ऊंचाई पर पहुंच गई थी, जिसके बाद यह 2025 के अंत तक गिरकर 3.5 प्रतिशत तक आ सकती है. अगर ऐसा हुआ तो यह 2000 और 2019 के बीच 3.6 प्रतिशत के औसत स्तर से भी कम होगा. हाल ही में सरकार की ओर से सितंबर के महंगाई के आंकड़े पेश किए थे. सितंबर महीने में भारत की महंगाई दर 5.5 फीसदी देखने को मिली थी. जबकि जुलाई और अगस्त के महीने में देश की महंगाई दर 4 फीसदी से नीचे देखने को मिली थी.

ग्लोबल इकोनॉमी पर अनुमान

आईएमएफ ने यहां जारी वार्षिक विश्व आर्थिक परिदृश्य में अनुमान लगाया कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि 2024 और 2025 में 3.2 प्रतिशत पर स्थिर रहेगी. आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था मुद्रास्फीति को काबू में करने के दौरान असामान्य रूप से जुझारू रही. उन्होंने कहा कि 2024 और 2025 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर कमोबेश 3.2 प्रतिशत पर स्थिर रहेगी. हालांकि, कुछ कम आय वाले देशों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर में उल्लेखनीय कमी आ सकती है. आईएमएफ की रिपोर्ट में रियल एस्टेट सेक्टर में चुनौतियों और कम उपभोक्ता विश्वास के बाद भी, “उम्मीद से बेहतर शुद्ध निर्यात” को देखतिे हुए, चीन के ग्रोथ अनुमान को थोड़ा कम करके 4.8 फीसदी कर दिया गया है. दूसरी ओर, ब्राज़ील और रूस के आर्थिक उत्पादन को 2024 के लिए क्रमशः 3 फीसदी और 3.6 फीसदी तक रिवाइज्ड किया गया है. यह संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए भी 2.8 फीसदी तक है.

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