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भारत-चीन बॉर्डर विवाद पर तत्काल चर्चा जरूरी, डिप्लोमैटिक-मिलिट्री लेवल पर बात करके शांति कायम कर सकते हैं: पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत के लिए चीन के साथ उसके रिश्ते अहम हैं. दोनों देशों के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध सिर्फ भारत और चीन के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए जरूरी है.

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पीएम मोदी ने अमेरिका की मैगजीन न्यूजवीक को दिए इंटरव्यू में ये बातें कहीं. उन्होंने कहा- दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर लंबे समय से चल रहे विवाद पर तत्काल बात करने की जरूरत है. दोनों देश डिप्लोमैटिक और मिलिट्री लेवल पर सकारात्मक बातचीत के जरिए शांति और स्थिरता कायम कर सकते हैं.

मोदी ने इंटरव्यू में लोकसभा चुनाव 2024, लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता, राम मंदिर, डिजिटल पेमेंट्स और UPI, आर्टिकल 370 हटाने, भारत में भेदभाव की शिकायत करने वाले अल्पसंख्यकों सहित कई दूसरे मुद्दों पर भी बात की.

*पढ़िए PM के इंटरव्यू के मुख्य अंश…*

*1. भारत-चीन बॉर्डर विवाद:* ‘भारत के लिए चीन के साथ रिश्ते अहम हैं। मेरा मानना है कि हमें अपनी सीमाओं पर लंबे समय से चल रहे विवाद पर तत्काल चर्चा करने की जरूरत है. भारत और चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध ना केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए जरूरी हैं.’

*2. पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति:* ‘मैंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी है. भारत ने हमेशा अपने क्षेत्र में आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल में शांति, सुरक्षा और समृद्धि को आगे बढ़ाने की वकालत की है. मोदी ने कहा कि इमरान खान की कैद के संबंध में कहा कि मैं पाकिस्तान के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करूंगा.’

*3. राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा:* ‘भगवान राम का अपनी जन्मभूमि पर वापस लौटने देश के लिए ऐतिहासिक क्षण था. यह सदियों की दृढ़ता और बलिदान का अंत था. जब मुझसे प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का हिस्सा बनने के लिए कहा गया, तो मुझे पता था कि मैं देश के 1.4 अरब लोगों का प्रतिनिधित्व करूंगा. देश के लोगों ने राम लला की वापसी के लिए सदियों से इंतजार किया था.’

*4. लोकसभा चुनाव 2024:* ‘जनता से किए गए वादे पूरे करने का हमारा ट्रैक रिकॉर्ड बेहतरीन है. जनता के लिए यह बड़ी बात थी, क्योंकि उन्हें उन वादों की आदत थी, जो कभी पूरे ही नहीं होते थे. हमारी सरकार ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के साथ काम किया.’

लोगों को अब भरोसा है कि अगर हमारे कार्यक्रमों का लाभ किसी और को मिला है तो उन तक भी पहुंचेगा. लोगों ने भारत को विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनते देखा है. अब देश की इच्छा है कि भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने.

*5. लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता:* ‘हम लोकतंत्र हैं, इसलिए नहीं क्योंकि हमारा संविधान ऐसा कहता है, बल्कि इसलिए कि यह हमारे जीन्स में है. भारत लोकतंत्र की जननी है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 60 करोड़ से अधिक लोगों ने मतदान किया. अब से कुछ दिनों में 97 करोड़ से ज्यादा लोग वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे.

मतदाताओं की लगातार बढ़ती भागीदारी भारतीय लोकतंत्र के प्रति लोगों की आस्था का बहुत बड़ा सर्टिफिकेट है. भारत जैसा लोकतंत्र केवल इसलिए आगे बढ़ने और काम करने में सक्षम है, क्योंकि यहां एक जीवंत फीडबैक तंत्र है और हमारा मीडिया इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

हमारे पास लगभग 1.5 लाख रजिस्टर्ड मीडिया प्रकाशन और सैकड़ों समाचार चैनल हैं. भारत और पश्चिम में कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने भारत के लोगों के साथ अपनी भावनाओं और आकांक्षाओं को खो दिया है. वे मीडिया की स्वतंत्रता कम होने का दावा करते हैं.

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