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दशहरे पर बारिश का असर, रावण दहन पर संकट के बादल

मध्य प्रदेश में दशहरे पर इस बार बारिश का असर देखने को मिल सकता है। मानसून के मौसम के समाप्त होने के बावजूद प्रदेश के कई हिस्सों में अभी भी बादल छाए हुए हैं और हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि गुरुवार को इंदौर, भोपाल, सागर, रीवा, शहडोल, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में वर्षा हो सकती है। ऐसे में रावण दहन कार्यक्रम पर भी बारिश का साया मंडराने लगा है।

बरसात की संभावना को देखते हुए आयोजन समितियां पुतलों को बचाने की तैयारियों में जुटी हुई हैं। रावण और उसके कुनबे के पुतलों को बारिश से सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त कवरिंग और प्लास्टिक शीट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। आयोजकों का कहना है कि अगर बारिश तेज हुई तो कार्यक्रमों में देरी भी हो सकती है।

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बने अवदाब का क्षेत्र शुक्रवार तक गहरे अवदाब में तब्दील होकर दक्षिणी ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश के तट को पार कर सकता है। इसके अलावा अरब सागर और सौराष्ट्र क्षेत्र में भी अवदाब सक्रिय है, जिससे लगातार नमी प्रदेश की ओर बढ़ रही है। इसी वजह से कई जिलों में बारिश की संभावना बनी हुई है।

पिछले 24 घंटे में मलाजखंड में 27.8 मिमी, ग्वालियर में 24.1 मिमी, दतिया में 23 मिमी, छिंदवाड़ा में 22 मिमी, पचमढ़ी में 20.2 मिमी, उमरिया में 18.4 मिमी, बैतूल में 16.4 मिमी, जबलपुर में 14.8 मिमी और मंडला में 11 मिमी बारिश दर्ज की गई।

विशेषज्ञों का कहना है कि दशहरा पर्व के दौरान सागर, रीवा, शहडोल और जबलपुर संभाग में मध्यम वर्षा का असर साफ दिख सकता है। भोपाल और इंदौर में भी रावण दहन के समय वर्षा होने की संभावना बनी है। इस वजह से आयोजकों और स्थानीय प्रशासन को कार्यक्रमों की रूपरेखा में बदलाव करना पड़ सकता है।

दशहरा पर होने वाले रावण दहन के भव्य आयोजन में हर साल लाखों लोग शामिल होते हैं। लेकिन इस बार बारिश का खतरा आयोजकों और श्रद्धालुओं दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने और त्योहार के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

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