सूरजपुर: “ईंट-ईंट में घोटाले की गूंज” शीर्षक से प्रकाशित खबर का असर अब प्रशासनिक स्तर पर साफ दिखाई देने लगा है. 38 करोड़ की लागत से बन रहे एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय भवन निर्माण में घटिया सामग्री और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कलेक्टर (आदिवासी विकास) सूरजपुर ने जांच टीम गठित कर दी है. आदेशानुसार, समिति को स्थल निरीक्षण कर सात दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी.
समाचार पत्र में उजागर हुआ था कि विद्यालय निर्माण में घटिया ईंट, रेत और सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है. मटेरियल की मात्रा कम कर शेष राशि हजम कर ली गई. इतना ही नहीं, अवैध रेत खनन से शासन को भी नुकसान पहुंचाया गया. खबर में प्रकाशित तस्वीरों ने वास्तविकता उजागर कर दी, जिसके बाद ग्रामीणों में गुस्सा फैल गया.
ग्रामीणों का आरोप है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद भवन मजबूत और सुरक्षित नहीं दिख रहा. उनका कहना है कि यह मामला सिर्फ भ्रष्टाचार का नहीं बल्कि बालिकाओं की सुरक्षा और भविष्य के साथ खिलवाड़ है. उन्होंने चेतावनी दी है कि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे.
कलेक्टर के आदेश में साफ कहा गया है कि निर्माण की गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं होगा. अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं. प्रशासन की त्वरित हरकत ने यह साबित कर दिया है कि मीडिया की खबर ने सीधे तौर पर व्यवस्था को झकझोर दिया है.
आगामी सात दिनों में आने वाली जांच रिपोर्ट से यह तय होगा कि करोड़ों के घोटाले में कौन जिम्मेदार ठहराए जाते हैं और उनके खिलाफ कितनी कठोर कार्रवाई होती है.