मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले राजा रघुवंशी हत्याकांड में मेघालय पुलिस ने सोमवार को आठवीं गिरफ्तारी की है. पुलिस ने इंदौर स्थित उस फ्लैट के मालिक को गिरफ्तार किया, जहां सोनम रघुवंशी राजा की हत्या के बाद मेघालय से आकर कुछ दिन के लिए रुकी हुई थी. आठवें आरोपी की पहचान ग्वालियर के लोकेंद्र सिंह तोमर के रूप में हुई है. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है
पूर्वी खासी हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक वी. सिम ने बताया, “राजा रघुवंशी हत्याकांड में शामिल होने के आरोप में सोमवार को एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. ग्वालियर का रहने वाला लोकेंद्र सिंह तोमर महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने और छिपाने के मामले में वांछित था. उसके फ्लैट में ही उस ब्लैक बैग को जला दिया गया था, जिसमें जरूरी सबूत छिपाए गए थे.”
एसआईटी ने शनिवार और रविवार को इंदौर में एक प्रॉपर्टी डीलर और एक सिक्योरिटी गार्ड को गिरफ्तार किया था. इनमें प्रॉपर्टी डीलर का नाम शीलोम जेम्स है, जबकि सिक्योरिटी गार्ड का नाम बलबीर अहरीवार है. मेघायल पुलिस उन दोनों को स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर शिलांग ले जा रही है. आठवें आरोपी तोमर को भी पुलिस शिलांग लेकर जा सकती है.
राजा रघुवंशी की हत्या की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) मध्य प्रदेश में है. यहां लगातार छापेमारी और गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले एसाईटी ने सोनम और राज कुशवाहा सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनमें तीन सुपारी किलर थे, जो बाद में राज के ही दोस्त बताए गए थे. इन तीनों ने ही सोनम के इशारे पर हत्याकांड को अंजाम दिया था.
बताते चलें कि राजा और सोनम रघुवंशी की शादी 11 मई को इंदौर में हुई थी. इसके बाद सोनम के कहने पर दोनों 20 मई को हनीमून के लिए मेघालय चले गए. वहां दो दिन तक घूमने के बाद 23 मई को शिलांग से लगभग 65 किलोमीटर दूर सोहरा में दोनों लापता हो गए थे. 2 जून को राजा का शव एक झरने के पास एक घाटी में मिला था. इसके बाद पुलिस ने इस केस का खुलासा किया था.
लिस जांच में पता चला कि इस हत्याकांड की असली मास्टरमाइंड सोनम रघुवंशी है. उसने अपने प्रेमी राज के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था. वारदात के बाद सोनम और तीनों कातिल वहां से भाग गए. सोनम असम, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश से होते हुए भाग गई. राजा और तीनों कथित हत्यारों के पकड़ने जाने के बाद 8 जून को सोनम ने गाजीपुर में सरेंडर कर दिया था.