बजट सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. उन्होंने अपने भाषण में बजट सत्र के एजेंडे को लेकर कई बातें कहीं. पीएम मोदी ने कहा कि इस सत्र में कई ऐतिहासिक बिलों पर चर्चा होगी और व्यापक मंथन के साथ राष्ट्र की ताकत बनाने वाले कानून बनाए जाएंगे. महिला अधिकारों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा,’इस सत्र में ऐसे कई निर्णय लिए जाएंगे, जिससे महिलाओं को सम्मानपूर्ण जीवन मिले.’
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में धन की देवी मां लक्ष्मी का स्मरण किया और समृद्धि की देवी की स्तुति की. उन्होंने कहा कि ये सदियों पुरानी परंपरा है. मां लक्ष्मी से कल्याण करने के साथ-साथ समृद्धि और विवेक भी देती हैं. मैं प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब और मध्यमवर्ग पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहे.
लोगों की भागीदारी के बाद देखने मिलता है ट्रांसफॉर्म
रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफार्म के बारे में बात करते हुए PM मोदी ने कहा,’जब विकास की तेज गतियों को प्राप्त करना होता है तो सबसे ज्यादा बल रिफॉर्म पर दिया जाता है. इसके बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकार को मिलकर परफॉर्म करना होता है. इन दोनों प्रक्रियाओं के बाद लोगों की भागीदारी से हम ट्रांसफॉर्म देखते हैं.’
पीएम मोदी ने कहा,’हमारे गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे हुए हैं. ये हर देशवासी के लिए गौरवपूर्ण समय है. विश्व के लोकतांत्रिक जगत के लिए भारत का सामर्थ्य विशेष स्थान बनाता है. देश की जनता ने तीसरी बार ये मौका (बजट पेश करने का) दिया है. ये तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है. मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 में जब आजादी के 100 साल होंगे तो विकसित भारत के संकल्प में ये बजट नया विश्वास पैदा करेगा.’
लगातार आठवीं बार बजट पेश करेंगी सीतारमण
बता दें कि कल (1 फरवरी) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार आठवां बजट पेश करेंगी. पिछले ढाई-तीन दशकों में ऐसा पहली बार होगा, जब कोई वित्त मंत्री लगातार आठवीं बार बजट पेश कर रहा होगा. निर्मला से पहले वित्त मंत्री के पद पर अरुण जेटली 5 साल वित्त मंत्री रहे, लेकिन वह भी एक बार अस्वस्थ होने के कारण बजट पेश नहीं कर पाए थे.