सुपौल: सरकारी स्कूलों में तैनात सरकारी शिक्षकों के एक नया आदेश जारी किया गया है. शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश जारी किया है. अब जिले के प्रत्येक विद्यालय से विभिन्न गतिविधियों और सुविधाओं की वास्तविक स्थिति का फोटो समय-समय पर विभाग को भेजना अनिवार्य होगा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इस बाबत सुपौल जिला शिक्षा पदाधिकारी समेत सभी डीईओ को पत्र जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि शिक्षा विभाग में स्थापित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को विद्यालयों की वास्तविक स्थिति और गतिविधियों की मानिटरिंग के लिए फोटो भेजना आवश्यक है.
कई बार प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों द्वारा इस संबंध में लिखित आदेश की मांग की जा रही थी, जिस पर अब विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि फोटो भेजने का समय निश्चित नहीं होगा. समय-समय पर इसमें बदलाव किया जाएगा, ताकि विद्यालयों में दिखावे की व्यवस्था न बने और वास्तविक स्थिति ही सामने आ सके. विभाग ने साफ कर दिया है कि यदि किसी विद्यालय के शिक्षक या प्रधानाध्यापक फोटो नहीं भेजते हैं या जानबूझकर आनाकानी करते हैं, तो उनके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी को ऐसे मामलों में जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है. फिलहाल विभाग की इस व्यवस्था से अब बच्चों को मिलने वाले मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता, कक्षाओं में पढ़ाई की स्थिति, प्रयोगशालाओं की उपयोगिता और विद्यालयों में स्वच्छता की हकीकत सीधे सरकार तक पहुंचेगी. इन विषयों पर भेजे जाएंगे फोटो. चेतना सत्र की गतिविधियां, मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को भोजन वितरण की स्थिति, प्रयोगशाला कक्ष, वर्ग कक्ष की स्थिति, बच्चों की उपस्थिति और कक्षाओं का संचालन, शौचालय की स्थिति, विद्यालय समय के दौरान शिक्षकों का समूह फोटो आदि.