5 साल में NIA ने 301 मामलों में दाखिल की चार्जशीट, सजा की दर 97.08%… राज्यसभा में सरकार का जवाब

राज्यसभा में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA की उपलब्धियों पर जानकारी दी. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि साल 2020 से 2025 (29 जुलाई 2025 तक) के दौरान NIA ने कुल 301 मामलों में चार्जशीट दाखिल की है और दोषसिद्धि दर 97.08% रही है. बुधवार (6 अगस्त) को राय ने टीएमसी राज्यसभा सांसद सागरिका घोष के प्रश्न के जवाब में ये सारी जानकारी दी.

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि NIA एक पेशेवर और निष्पक्ष जांच एजेंसी उन्होंने कहा कि 2020 से अब तक जिन 301 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई, उनमें से ज्यादातर मामलों में आरोपियों को सजा हुई है. राय ने कहा कि एजेंसी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में सटीक और प्रभावी कार्रवाई की है.

विपक्ष ने उठाए NIA की निष्पक्षता पर सवाल
गृह राज्य मंत्री के इस बयान के बाद विपक्षी सांसदों ने NIA की निष्पक्षता पर सवाल उठाए. नेताओं का आरोप था कि जांच एजेंसियों का राजनीतिक दुरुपयोग हो रहा है, इसके जरिए विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. विपक्ष ने सरकार से मांग की कि सुरक्षा एजेंसियों की जांच और कार्यशैली की निष्पक्ष समीक्षा की जाए.
इसके अलावा बुधवार को सरकार ने बताया कि गृह मंत्रालय ने सुरक्षित शहर परियोजना को मंजूरी दी है, जिसमें संदिग्ध लोगों और अपराधियों की निगरानी के लिए चिन्हित सीसीटीवी कैमरों पर चेहरे की पहचान प्रणाली की तैनाती भी शामिल है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.

सुरक्षित शहर परियोजनाका हिस्सा है चेहरे की पहचान प्रणाली’
दरअसल सदन में मंत्री नित्यानंद राय से सवाल किया गया था कि क्या गृह मंत्रालय दिल्ली में निगरानी क्षमताओं को एकीकृत एवं तेजी से बढ़ाने के लिए चेहरे की पहचान के माध्यम से एक एकीकृत कमांड, नियंत्रण, संचार एवं कंप्यूटर केंद्र (सी4आई) स्थापित करने की योजना बना रहा है?. इसके जवाब में गृह राज्य मंत्री राय ने कहा कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस द्वारा कार्यान्वयन के लिए सुरक्षित शहर परियोजना को मंजूरी दी है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ एकीकृत कमांड, नियंत्रण, संचार और कंप्यूटर केन्द्र अर्थात सी4आई की स्थापना और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सीसीटीवी कैमरों का लगाया जाना शामिल है.

उन्होंने कहा कि परियोजना में, संदिग्ध व्यक्तियों और अपराधियों की निगरानी के लिए चिन्हित सीसीटीवी कैमरों पर चेहरे की पहचान प्रणाली की तैनाती भी शामिल है. उन्होंने बताया कि सी4आई के कामकाज को विनियमित करने के लिए, दिल्ली पुलिस ने एक स्थायी आदेश 2022 में जारी किया था.

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