अलीगढ़ में टीचर के टॉर्चर से छात्रा ने खा लिया जहर, विधवा मां बोली- पति भी नहीं, बेटी ही सहारा

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के खैर थाना इलाके के के ब्लॉक कॉलोनी से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां राष्ट्रीय विद्यालय में पढ़ने वाली एक 14 वर्षीय छात्रा ने टीचर के टॉर्चर का शिकार होने के बाद जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड करने की कोशिश की. परिजनों द्वारा पुलिस को बिना सूचना दिए आनन -फानन में उपचार के लिए सीएचसी ले जाया गया. डॉक्टर ने उसकी हालत को नाजुक होने पर उसे सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर कर दिया.

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वहीं जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने भी छात्रा को प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत में एएमयू के मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. जहां गंभीर हालत में उसका उपचार जारी है. वहीं उसकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है. जबकि पीड़ित छात्रा की मां ने स्कूल टीचर पर बेटी को टॉर्चर करने का गंभीर आरोप लगाया है.

दरअसल छात्रा द्वारा विषैला पदार्थ खायें जाने का पूरा मामला कस्बा खैर के के ब्लॉक कॉलोनी का है. यहां कस्बा खैर के राष्ट्रीय विद्यालय में पढ़ने वाली एक 14 वर्षीय छात्रा हिमांशी ने टीचर के टॉर्चर का शिकार होने के बाद आत्महत्या करने की कोशिश की. मां स्नेह कुमारी ने बताया कि उनकी बेटी हिमांशी कक्षा 8वीं की छात्रा है. स्कूल में पढ़ाने वाली टीचर बेटी को पिछले करीब एक सप्ताह से लगातार टॉर्चर कर रही थी.

भाई गुस्से में ले आया था घर

हिमांशी ने इसकी जानकारी घर के लोगों को दी. भाई गुस्से में गुरुवार को स्कूल पहुंचा और अपनी बहन को लेकर घर चला आया. घर पहुंचते ही उसकी बेटी ने टीचर के टॉर्चर सें तंग होकर जहरीला पदार्थ खा लिया. जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और परिजनों द्वारा उसको सीएचसी खैर ले जाया गया. सीएचसी के डॉक्टरों ने उसे मलखान सिंह जिला अस्पताल रेफर कर दिया. जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने भी प्राथमिक उपचार के बाद छात्रा की हालत को गंभीर देखते हुए जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया

टीचर के खिलाफ कार्रवाई की मांग

वहीं पति की मौत के बाद अपने तीन बच्चों का पालन पोषण कर रही विधवा मां ने टीचर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि उसका पति भी नहीं है. अब किसी भी तरह से उसकी बेटी की जान बच जाए. हिमांशी तीन भाई बहनों में सबसे छोटी है. वहीं डॉक्टर रितेश ने कहा कि सीएचसी खैर से रेफर की गईं एक 14 वर्षीय बच्ची को उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया था. जिसको प्राथमिक उपचार देने के बाद जिला अस्पताल से जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है.

 

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