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अंबिकापुर में महिला ने फर्श पर दिया था बच्चे को जन्म, कलेक्टर और सीएमएचओ आज हाई कोर्ट में शपथ पत्र के साथ पेश करेंगे जवाब

बिलासपुर  अंबिकापुर जिले में चिकित्सा सुविधा के नाम पर जिम्मेदारों द्वारा बरती जा रही लापरवाही को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। आठ जून को नवागढ़ उप स्वास्थ्य केंद्र के फर्श पर एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। उस दौरान अस्पताल में चिकित्सकों के अलावा नर्स भी मौके पर उपस्थित नहीं थी। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया है। डिवीजन बेंच के निर्देश पर शुक्रवार को स्वास्थ्य सचिव शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करेंगे।

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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अखबार में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लिया है। जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने सचिव, छत्तीसगढ़ सरकार, स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग को घटना के बाद उठाए गए प्रभावी कदमों के संबंध में हलफनामा के साथ उपस्थित होकर जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिविजन बेंच ने यह भी निर्देशित किया था कि जिम्मेदार अफसर यह सुनिश्चित करें, डिलीवरी के संबंध में जो वीडियो आनलाइन वायरल किया गया है, उसे आगे प्रसारित करने से तत्काल रोका जाए।

25 वर्षीय गर्भवती महिला ने आठ जून 2024 को सरगुजा जिले (अंबिकापुर) के नवागढ़ उप स्वास्थ्य केंद्र में फर्श पर बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान अस्पताल में चिकित्सकों के अलावा नर्स भी नहीं थी। प्रसव पीड़ा होने पर महिला को मितानिन (सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) उप स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंची। वहां ना तो कोई डाक्टर और ना ही कोई नर्स मौजूद थी। महिला को उप स्वास्थ्य केंद्र के फर्श पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा।

महिला के परिवार के सदस्यों ने मेडिकल स्टाफ से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला और मितानिन ने बच्चे को जन्म देने में मदद की। यहां तक कि प्रसव के बाद की देखभाल भी गांव की पारंपरिक दाई द्वारा की गई थी।

लापरवाह चिकित्सकों व स्टाफ पर हो कार्रवाई

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यदि उपरोक्त स्थिति उप स्वास्थ्य केंद्र, नवागढ़ की है तो यह बहुत ही खेदजनक स्थिति है। राज्य सरकार दूरदराज के इलाकों में रहने वाली जनता को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए भारी मात्रा में धन खर्च कर रही है। स्वास्थ्य केंद्रों के प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी स्वयं अनुपस्थित हैं। और जब उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है तो उस समय अस्पताल से नदारद रहते हैं। लापरवाह अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत है। कोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों को चिकित्सा सुविधा का लाभ देने के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।

राज्य शासन ने दिया जवाब

राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने डिवीजन बेंच को बताया है कि संबंधित चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई कर जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। ड्यूटी पर तैनात नर्स का एक्सीडेंट हो गया है, हालांकि उसके पास कोई दस्तावेज नहीं है।

किस अफसर को किया पदस्थ, देनी होगी जानकारी

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने उप स्वास्थ्य केंद्र नवागढ़ में किसी अन्य चिकित्सा अधिकारी को तैनात करने के साथ ही व्यवस्था को दुरुस्त करने के संबंध में अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य विभाग से जानकारी मांगी है।

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