Uttar Pradesh: अमेठी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में मारपीट की घटना में घायल हुए बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि घटना की जानकारी समय रहते पुलिस को देने के बावजूद अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. इससे मृतक के परिजनों में रोष व्याप्त है और उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
घटना 18 मई की बताई जा रही है, जब गांव के ही एक व्यक्ति ने प्रदीप त्रिपाठी (62) को फोन कर अपने घर बुलाया और वहां कथित तौर पर छत से धक्का दे दिया। इस हमले में प्रदीप त्रिपाठी को सिर और कमर में गंभीर चोटें आईं। उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां से हालत नाजुक देखते हुए जिला अस्पताल रेफर किया गया। बाद में दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनका इलाज शुरू हुआ, जहाँ वे 13 दिन तक जिंदगी और मौत से जूझते रहे.
रविवार शाम को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मृतक के बेटे अमित त्रिपाठी ने बताया कि घटना के अगले ही दिन 19 मई को उन्होंने अमेठी कोतवाली में जाकर तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है.
परिजनों का कहना है कि इस लापरवाही के चलते उन्हें न्याय मिलने में संदेह है. उन्होंने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर आरोपित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.