बिजनौर के नहटौर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें विश्वास का सबसे गहरा रिश्ता मामा और भांजी धोखे की काली साजिश में बदल गया.
चंद्रपाल सिंह, नहटौर के मोहल्ला दुर्गा विहार के रहने वाले हैं. उन्हें क्या पता था कि उनकी सगी भांजी नीता ही उनके साथ ऐसा बड़ा धोखा करेगी. 10 जनवरी 2021 को नीता, अपने पति प्रदीप, जेठ कुलदीप, ससुर खेम सिंह और परिचित दंपती मोहित कुमार गुप्ता और उसकी पत्नी सुभद्रानंद के साथ उनके घर आई.
नीता ने बड़े ही विश्वास के साथ चंद्रपाल को बताया कि मोहित के रिश्तेदार पेट्रोलियम मंत्रालय में ऊंचे पद पर हैं और वो चाहें तो उन्हें हाईवे किनारे पेट्रोल पंप लगवा सकते हैं. मामा के मन में एक सपना जागा अपना पेट्रोल पंप, वो भी सरकारी मंजूरी के साथ.
शुरुआत हुई पाँच लाख रुपये नकद देने से. फिर धीरे-धीरे अलग-अलग तारीखों में चंद्रपाल ने कुल 43 लाख 50 हजार 35 रुपये नीता और उसके साथियों को दे दिए कभी नकद, कभी ऑनलाइन ट्रांसफर से. आरोपियों ने विश्वास बढ़ाने के लिए एक पेट्रोल टैंक और फ्यूल मशीन तक भिजवा दी, ताकि लगे कि काम सच में हो रहा है. इसके अलावा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की फर्जी NOC की कॉपी भी दी गई.
लेकिन जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया, पेट्रोल पंप की मंजूरी की कोई फाइल नहीं आई. जब चंद्रपाल ने अपनी रकम वापस मांगी, तो आरोपी बातों में टालमटोल करने लगे.
आख़िरकार, थक-हार कर चंद्रपाल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने नीता समेत 6 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है. अब कानून इन रिश्तों की कलई खोलने को तैयार है.
ये मामला न सिर्फ धोखाधड़ी का है, बल्कि उस रिश्ते को कलंकित करने वाला भी है, जिसे लोग सबसे ज्यादा भरोसेमंद मानते हैं मामा और भांजी का रिश्ता.