छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक अनूठी शादी देखने को मिली। जहां एमएससी बॉटनी की उपाधि प्राप्त दूल्हे ने बैलगाड़ी में अपनी बारात निकालकर फिजूलखर्ची से बचने और पूर्वजों की परंपराओं को जीवित रखने का संदेश दिया।
नगरी नगर पंचायत निवासी ओमप्रकाश निषाद ने अपनी बारात के लिए 10 किलोमीटर की दूरी बैलगाड़ी में तय की। बारात में कई बैलगाड़ियों की लंबी कतार देखने को मिली। सभी बैलगाड़ियों को फूलों और तोरण से सुंदर तरीके से सजाया गया था।
फिजूलखर्ची से बचने का संदेश
इस अनोखी बारात के पीछे दूल्हे ने शादी में फिजूलखर्ची से बचने और पूर्वजों की परंपराओं को जीवित रखने का संदेश दिया। वार्ड में जगह-जगह बारात का स्वागत किया गया और सहराना गीत गाए गए।
नगरी नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 15 से बारात निकली जो 10 किलोमीटर दूर सिहावा के हीरापुर पहुंची। जिसमे 4 बैलगाड़ी को दोस्तों ने अच्छा तरीके से सजाया। बारात में परिवार सहित दोस्त भी शामिल हुए।
उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले युवक ओमप्रकाश निषाद ने बताया कि वे पुरानी परंपरा को निभाते हुए बैलगाड़ी से बारात निकालने का फैसला लिया। वह पढ़ाई बॉटनी में एमएससी, बीएड, पीजीडीसीए, वर्तमान में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति धान मंडी में कर्मचारियों के रूप में पदस्थ है।
पूर्वजों की देन है ये परंपरा
दूल्हे के बड़े भाई प्रदीप कुमार निषाद ने बताया कि बैलगाड़ी में बारात जाना पुरानी संस्कृति है। जो कि पूर्वजों की देन है। जिनको निभाते हुए बैल गाड़ियों में छोटे भाई की बारात निकली।
बैलगाड़ी से निकली बारात की हो रही सराहना
बैलगाड़ी ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ी। क्योंकि गृह ग्राम में अभी बहुत से बैलगाड़ी है। आज के आधुनिक युग में लोग हैलीकॉप्टर और गाड़ी मोटर में बारात जाते हैं। जिसको हटाकर हम बैलगाड़ी से बारात गए। देसी अंदाज में निकली बारात की लोग खूब सराहना कर रहे है।