साइबर ठगी के एक और मामले में शातिर ठग ने कॉलेज का टीचर बनकर एक छात्रा को निशाना बनाया। ठग ने फीस वेरिफिकेशन के नाम पर छात्रा से ओटीपी प्राप्त किया और उसका वॉट्सऐप अकाउंट हैक कर लिया।
इसके बाद उसने छात्रा के दोस्तों को मैसेज भेजकर पैसे मांगे और हजारों रुपये ठग लिए। हालांकि, जब छात्रा के एक दोस्त को शक हुआ, तो ठगी का मामला उजागर हुआ और पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
घटना 4 फरवरी 2025 की है, जब खालसा कॉलेज में सेकेंड ईयर की छात्रा को 9303321170 नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाला व्यक्ति खुद को कॉलेज का टीचर अमित बताकर छात्रा से बात करने लगा। ठग ने कहा कि छात्रा की फीस पूरी तरह से जमा नहीं हुई है और अगर जल्दी से जमा नहीं की गई तो उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी। फिर उसने कहा कि कॉलेज से वेरिफिकेशन का काम चल रहा है और मोबाइल नंबर पर एक कन्फर्मेशन कोड भेजा जाएगा, जिसे उसे बताना होगा।
जैसे ही छात्रा का मोबाइल नंबर पर OTP आया, उसने बिना किसी संकोच के ठग को वह कोड बता दिया। छात्रा को लगा कि यह कॉल कॉलेज से आ रही है, और उसने उसे “जी सर” कहते हुए दिया। इसके तुरंत बाद फोन कट गया और छात्रा को एहसास ही नहीं हुआ कि वह ठगी का शिकार हो चुकी है। दरअसल, ठग ने उस ओटीपी का इस्तेमाल कर छात्रा का वॉट्सऐप अकाउंट हैक कर लिया था।
वॉट्सऐप हैक करने के बाद शुरू हुई ठगी
वॉट्सऐप हैक होने के बाद ठग ने छात्रा के दोस्तों से फीस जमा करने के नाम पर पैसे मांगे। ठग ने छात्रा के संपर्क में आए सभी दोस्तों को मैसेज भेजकर कहा कि फीस के लिए पैसे जमा करने की तत्काल आवश्यकता है। कई दोस्तों ने विश्वास करके ठग को पैसे भेज दिए। इस तरह से हजारों रुपये ठग लिए गए।
पुलिस की कार्रवाई: आरोपी की गिरफ्तारी
पुलिस ने जांच शुरू की और जल्दी ही आरोपी की पहचान कर ली। आरोपी का नाम प्रभात कुमार गुप्ता (22) है, जो अनूपपुर जिले के कोतमा, केवट मोहल्ले का निवासी है। पुलिस ने गुरुवार रात को प्रभात को उसके घर से गिरफ्तार किया। आरोपी के खिलाफ साइबर ठगी के कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश कर दो दिन की रिमांड पर लिया गया। पुलिस का मानना है कि पूछताछ के दौरान यह खुलासा हो सकता है कि प्रभात ने अब तक कितने स्टूडेंट्स के साथ ठगी की है और इसके कितने और साथियों के नाम सामने आएंगे।
साइबर ठग की गिरफ्तारी से उम्मीदें
साइबर ठगी के मामले में पुलिस ने प्रभात को गिरफ्तार किया है, लेकिन अब यह देखने की बात होगी कि क्या वह इस ठगी में अपने साथियों का नाम बताता है और कितने अन्य मामलों का खुलासा होता है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश करेगी कि उसने यह ठगी कैसे की और इसके पीछे उसकी रणनीति क्या थी।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि साइबर ठग किसी भी तरीके से लोगों को धोखा देने का तरीका ढूंढ ही लेते हैं। ऐसे मामलों में सतर्कता और सुरक्षा की आवश्यकता बढ़ गई है, ताकि लोग इस तरह की ठगी का शिकार न हो सकें।
साइबर सुरक्षा के उपाय
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की साइबर ठगी से बचने के लिए हमें अपने मोबाइल पर कभी भी OTP और पिन नंबर किसी अनजान व्यक्ति से साझा नहीं करना चाहिए। यदि किसी कॉल या मैसेज के जरिए फीस वेरिफिकेशन या किसी अन्य कारण से पैसे की मांग की जाती है तो तुरंत संबंधित संस्थान से संपर्क करना चाहिए और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।