जबलपुर में एक परिवार की खातिर सिस्टम ठप्प, एमडी के निर्देशों की खुलेआम अवहेलना

जबलपुर: पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में इन दिनों सिटी एसई संजय अरोरा की मनमानी का मामला सुर्खियों में है. विभागीय सूत्रों की मानें तो अरोरा ने शहर की स्टार सिटी कॉलोनी के एक परिवार पर इस कदर मेहरबानी दिखाई है कि अब उसका खामियाजा कार्यपालन अभियंताओं (ईई) से लेकर जूनियर इंजीनियरों (जेई) तक को भुगतना पड़ रहा है.

आरोप है कि उक्त परिवार की हर छोटी-बड़ी जरूरत पूरी करने का जिम्मा सीधे-सीधे विभागीय अभियंताओं पर थोप दिया गया है. चाहे व्यक्तिगत खर्च उठाना पड़े या निजी स्तर पर सहयोग देना अभियंताओं को मन मारकर अपनी जेब तक ढीली करनी पड़ रही है। सवाल यह है कि जब बिजली व्यवस्था चरमराई हुई है तो एसई अरोरा की प्राथमिकता एक आम परिवार क्यों बन गया है?

एमडी आदेश की उड़ाई जा रही धज्जियां-
कंपनी के एमडी अनय द्विवेदी पहले ही स्पष्ट आदेश दे चुके हैं कि इस परिवार से जुड़े किसी भी व्यक्ति को मदद करना या उसके साथ अनुचित संबंध रखना गंभीर अनुशासनहीनता माना जाएगा। इसके बावजूद एसई संजय अरोरा ने एमडी के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए अपनी विशेष मेहरबानी जारी रखी हुई है. सूत्र बताते हैं कि एसई अरोरा के इस रवैये से पूरे अभियंता वर्ग में गुस्सा और असंतोष है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी की मनमानी के सामने कोई खुलकर बोलने की हिम्मत नहीं कर पा रहा.

अभियंताओं का शोषण, जनता पिस रही-
जहां एक ओर विभागीय अभियंता शहर की जनता को सुचारु बिजली आपूर्ति देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें ‘स्टार सिटी परिवार’ की निजी जरूरतों के बोझ तले भी दबाया जा रहा है. नतीजा यह है कि फाल्ट सुधार और लाइन मरम्मत में देरी हो रही है, जिसका खामियाजा सीधा-सीधा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है. जनता यह सवाल पूछ रही है कि अगर अभियंता जनता की जगह खासम खास की चमचागिरी में उलझे रहेंगे, तो बिजली व्यवस्था कौन सुधारेगा?

अब चुप्पी क्यों?
यह कोई छुपा राज़ नहीं कि एमडी के आदेशों को धता बताकर एसई अरोरा खुलेआम अपनी मनमानी कर रहे हैं. सवाल उठता है कि ऊर्जा विभाग और सरकार चुप क्यों है? क्या अधिकारियों की निजी सिफारिशें और ‘मेहरबानियां’ जनता की बत्ती गुल करने का नया नियम बन चुकी हैं?

इनका कहना है-
अभी आपसे उक्त जानकारी मिली हैं. अगर ऐसा हो रहा हैं तो इस संबंध में अधीनस्थ अधिकारियों से चर्चा की जाएगी.
-केएल वर्मा, चीफ इंजीनियर

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