Left Banner
Right Banner

जांजगीर में विधायक-सहयोगी ने किसान से 42 लाख ठगे, लोन के नाम पर फर्जी साइन से पैसे निकाले

जैजैपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक बालेश्वर साहू और उनके सहयोगी गौतम राठौर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। सरवानी गांव निवासी शिकायतकर्ता और किसान राजकुमार शर्मा के मुताबिक विधायक और उनके सहयोगी ने उसे लोन दिलाने का आश्वासन देकर 42 लाख 78 हजार रुपए की रकम ले ली, लेकिन न तो लोन दिलाया और न ही रकम वापस की। किसान का दावा है कि उसने यह रकम विश्वास में आकर किस्तों में दी थी, लेकिन बाद में जब नहीं लोन मिला और न पैसे वापस हुए, तो उसे धोखाधड़ी का संदेह हुआ। इसके बाद किसान ने चांपा थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जानिए कैसे हुआ धोखाधड़ी का खुलासा ? किसान का कहना है कि 2015 से 2020 के बीच बालेश्वर साहू बम्हनीडीह सहकारी बैंक में मैनेजर के पद पर पदस्थ थे, वहीं गौतम राठौर उस समय विक्रेता के पद पर काम कर रहा था। दोनों ने मिलकर किसान को किसान क्रेडिट कार्ड से लोन दिलाने का झांसा दिया और इस बहाने उससे 10 ब्लैंक चेक ले लिए। साथ ही एचडीएफसी बैंक में दो नए खाते भी खुलवाए। इन चेकों पर फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठा लगाकर, दोनों ने धीरे-धीरे मिलाकर 42 लाख 78 हजार रुपए किसान के खातों से निकाल लिए। शुरुआत में 15 जनवरी 2015 को पहली बार 51 हजार रुपए की निकासी की गई थी। इसके बाद रकम धीरे-धीरे बढ़ती गई। बालेश्वर साहू ने अपनी पत्नी आशा साहू के खाते में भी 7.5 लाख रुपए ट्रांसफर करवाए। 2020 में सामने आई सच्चाई किसान को इस मामले की जानकारी तब हुई, जब 2020 में एचडीएफसी बैंक चांपा से उसे कॉल आया और पूछा गया कि क्या उसने बालेश्वर साहू को पैसे निकालने की अनुमति दी है। यह सुनकर किसान के होश उड़ गए। वो तुरंत बैंक जाकर डिटेल निकाला और जब सच्चाई सामने आई तो बालेश्वर साहू के पास पहुंचा। उस समय बालेश्वर साहू ने 6 महीने के भीतर ब्याज समेत पूरी रकम लौटाने का आश्वासन दिया था। लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ। इसी दौरान विधानसभा चुनाव हुआ और सहयोगी गौतम राठौर ने रकम को चुनावी खर्च बताया। पैसा वापस मांगने पर दोनों टालमटोल करने लगे। पुलिस ने की सख्त जांच शिकायत मिलने के बाद चांपा पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच की। सबसे पहले शिकायतकर्ता राजकुमार शर्मा, उनकी पत्नी और मां के बयान दर्ज किए गए। तीनों ने बताया कि उन्होंने खुद कभी पैसे नहीं निकाले। इसके बाद पुलिस ने सहकारी बैंक के 5 कर्मचारियों और अन्य गवाहों के बयान भी दर्ज किए। जांच में यह भी सामने आया कि 24 जनवरी 2020 को की गई एक निकासी पर्ची में बालेश्वर साहू का मोबाइल नंबर दर्ज था, जिससे साफ हो गया कि निकासी उन्हीं के ओर से की गई थी। इस आधार पर पुलिस ने सभी दस्तावेजों और बयानों को प्रमाण मानते हुए एफआईआर दर्ज की। बालेश्वर साहू और गौतम राठौर के खिलाफ अपराध दर्ज चांपा पुलिस ने बालेश्वर साहू और गौतम राठौर के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (कागजातों की जालसाजी), 267 (सरकारी दस्तावेज का गलत इस्तेमाल), और 34 (साझा अपराध) के तहत केस दर्ज किया है। अब आगे की जांच के बाद गिरफ्तारी और न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
Advertisements
Advertisement