झांसी में करैत सांप ने चारपाई पर चढ़कर सो रहे पिता-पुत्र को डंसा, दोनों की हालत गंभीर

झांसी के पुनावली कला गांव में एक करैत सांप ने चारपाई पर सो रहे पिता-पुत्र को डंस लिया. झांसी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की टीम 30 वर्षीय सुरेंद्र राजपूत और उनके 10 साल के बेटे आशिक को बचाने की कोशिश में लगी है, पर जहर का असर गहरा बताया जा रहा है.

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यह घटना देर रात की है. गांव में एकाएक बिजली चली गई. दिन में बारिश हुई थी तो घर में उमस बहुत थी. गर्मी से राहत पाने के लिए सुरेंद्र राजपूत ने दरवाजा खोला और अपने बड़े बेटे आशिक के साथ चारपाई पर आकर लेट गए. उनकी पत्नी सविता और छोटा बेटा मयंक नीचे जमीन पर सोए हुए थे. रात के सन्नाटे में अचानक एक तीन फीट लंबा सांप घर में घुस आया. अंधेरे में किसी को आहट तक नहीं हुई, और कुछ ही पलों में सांप ने पिता-पुत्र दोनों को डंस लिया. कुछ देर बाद सुरेंद्र को इस बात का अभास हुआ कि कुछ हो रहा है , तो उनकी नींद खुली और उन्होंने सांप को चारपाई के पास देखा. शोर मचाने पर पड़ोसी भी आ गए. ग्रामीणों ने किसी तरह सांप को पकड़कर एक बाल्टी में बंद कर दिया गया. तुरंत ही सुरेंद्र और आशिक को लेकर परिजन झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचे.

बाल्टी खुली तो हुई सांप की पहचान

ग्रामीणों ने सुबह बाल्टी का ढक्कन हटाया, तो सांप की पहचान हुई. इससे बाद पता चला कि यह तो यह कोई साधारण सांप नहीं, बल्कि जहरीले सर्पों में गिने जाने वाला करैत था. जानकारों का कहना है कि करैत सांप की खास बात यह होती है कि यह बिना फुफकारे, बिना आहट के हमला करता है और ज्यादातर रात में ही निकलता है. ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लोग अब भी जमीन या चारपाई पर सोते हैं, वहां यह जानलेवा साबित हो सकता है जैसा कि पुनावली कला गांव में हुआ.

शोर सुनते ही पहुंचे ग्रामीण

गांव के निवासी गिरवर बताते हैं, जब शोर मचा तो हम दौड़े, सोचा कोई सामान्य बात होगी, लेकिन पता चला कि बाप-बेटे को सांप ने काट लिया. हमने पहली बार करैत को इतने पास देखा. एक अन्य ग्रामीण महिला ने कहा, सावन में तो सांप निकलते रहते हैं, लेकिन इस बार जो हुआ, उससे डर लगने लगा है. अब तो अपने बच्चों को जमीन पर सुलाने में डर लगता है.

इलाज जारी, लेकिन खतरा टला नहीं

झांसी मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टरों के अनुसार, करैत सांप का जहर बेहद तेजी से नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे मरीज बेहोश हो सकता है, सांस रुक सकती है. फिलहाल दोनों पीड़ितों को एंटी-वेनम दिया गया है और उनकी हालत पर नजर रखी जा रही है. डॉक्टरों का कहना है कि करैत के डसे मरीज को सोते समय सर्पदंश का पता तक नहीं चलता, यही इसकी सबसे घातक बात है.

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