लखीमपुर खीरी जिले के ग्रंट नंबर-12 गांव में शारदा नदी ने ऐसी तबाही मचाही, जिससे 70 से अधिक परिवार बेघर हो गए है. इनके घर नदी में समा गए हैं. अब नदी की धारा बीच गांव में बह रही है.
लखीमपुर खीरी जिले में शारदा नदी का कटान थमने का नाम नहीं ले रहा। कटान से ग्रंट नंबर-12 गांव के 70 से अधिक मकान नदी में समा चुके हैं. सोमवार को गांव के बीचों-बीच बनी इंटरलॉक सड़क भी नदी में समा गई। सड़क के दोनों ओर पक्के मकान थे। एक तरफ का पूरा हिस्सा पहले ही नदी में बह चुका है। अब दूसरी ओर भी खतरा मंडरा रहा है। नदी में लटकी सड़क को देखकर ग्रामीण सहमे हुए हैं.
सोमवार सुबह कटान तेज हुआ तो गांव की श्यामकली, अर्चना, कन्यादेवी और रोशन के पक्के मकान पलक झपकते ही नदी की धारा में समा गए। मकान ढहने से पहले ही ग्रामीणों ने गृहस्थी का सामान निकाल लिया। अब वह सड़क किनारे डेरा डालकर रहने को मजबूर हैं। कटान पीड़ितों का कहना है कि शारदा अब विकराल रूप ले चुकी है। वहीं क्षेत्रीय लेखपाल श्याम नन्दन मिश्रा ने बताया कि कटान की जद में आने वाले सभी से घरों को खाली करने के लिए सचेत किया जा चुका है.
सड़क किनारे रहने को मजबूर
पीड़ित श्यामकली ने बताया कि कुछ दिन पहले कटान थमा तो उम्मीद जगी थी, लेकिन सोमवार सुबह अचानक मकान ध्वस्त हो गया. वहीं, कन्यादेवी ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों के साथ सड़क पर गुजार कर रहे हैं। सुबह घर देखने गईं तो आधा मकान कट चुका था, थोड़ी देर बाद शेष हिस्सा भी नदी में बह गया.
आधा गांव नदी में समाया
ग्रामीणों के मुताबिक अब तक गांव के करीब 72 मकान शारदा की धारा में समा चुके हैं. हालात यह हैं कि अब तक आधा गांव नदी में समा चुका है. जहां पहले मकान थे, वहां अब नदी की धारा बह रही है. गांव के बचे मकानों पर भी कटान से खतरा मंडरा रहा है.
तहसीलदार मुकेश वर्मा ने बताया कि क्षेत्रीय लेखपाल को गांव में तैनात किया गया है. कटान पर लगातार नजर रखी जा रही है. प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.