जबलपुर: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए कई प्रयास किया जा रहे हैं. इस बार शिक्षा विभाग ने तय किया है कि बोर्ड परीक्षा में जो बच्चे टॉप करेंगे उनकी कॉपियों से शिक्षकों और जूनियर क्लास की छात्र-छात्राओं को सिखाया जाएगा की टॉपर बच्चे किस तरह लिखते हैं. वे कैसे अपना टाइम मैनेजमेंट करते हैं. इस तरीके से नई क्लास के छात्र-छात्राएं भी अपनी पढ़ाई को बेहतर कर पाएंगे.
जबलपुर शिक्षा विभाग ने एक अनोखा प्रयोग किया है. इसके तहत जिले के सभी स्कूलों के शिक्षकों संयुक्त संचालक ने आदेश दिया है, कि जिन बच्चों ने पिछले दिनों बोर्ड परीक्षा में टॉप किया है. उनकी कॉपियों का शिक्षक अध्ययन करेंगे और उन सफल छात्रों की कॉपियों के आधार पर वे दूसरे छात्राओं की पढ़ाई करवाएंगे.
बच्चों को टाइम मैनेजमेंट सिखाएंगे शिक्षक
जबलपुर के शिक्षक विभाग के संयुक्त संचालक प्राचीर जैन का कहना है कि “इस प्रयोग से शिक्षकों को भी इस बात की जानकारी मिलेगी की टॉप करने वाले छात्र-छात्राएं किस तरह से अपनी कॉपी में उत्तर लिखते हैं. परीक्षा के दौरान टाइम मैनेजमेंट किस तरह से करते हैं और वह किस ढंग से अपने उत्तर लिखते हैं. ताकि उन्हें अधिकतम अंक मिलते हैं.”
दूसरी परीक्षाओं की तैयारियों में जुट जाते है टॉपर बच्चे
शिक्षा विभाग का कहना है कि “उनकी कोशिश तो यह भी है, कि जिन छात्राओं ने बोर्ड परीक्षा में टॉप किया है, वह भी जूनियर क्लासों को पढ़ाएं. लेकिन सामान्य तौर पर जो बच्चे टॉप करते हैं, वह किसी दूसरी परीक्षा की तैयारी में लग जाते हैं या अपनी पढ़ाई पर फोकस करते हैं. इसलिए वे दूसरी क्लास में पढ़ाने के लिए उपलब्ध नहीं हो पाते हैं.”
सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं गरीबों के बच्चे
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के सामने कई संकट हैं. कमजोर आर्थिक स्थिति होने की वजह से ऐसे बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं. वहीं सरकारी शिक्षक बच्चों के साथ उतनी मेहनत नहीं करता जितनी उसे करनी चाहिए. ऐसी स्थिति में भी यदि सरकारी स्कूल के बच्चे अच्छे अंक ला रहे हैं, तो उनकी यह काबिलियत अनुकरणीय है.