महाकुंभ में बाइक से रोज 5 हजार तक कमा रहे छात्र, भारी जाम के बीच लोगों को पहुंचा रहे संगम

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में भारी भीड़ के कारण सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हो गया है, जिससे स्थानीय युवा छात्रों ने अपने दोपहिया वाहनों को टैक्सी में बदल दिया है. इससे न केवल तीर्थयात्रियों को राहत मिल रही है, बल्कि छात्रों के लिए यह अच्छी कमाई का जरिया भी बन गया है.

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गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल त्रिवेणी संगम की ओर बढ़ते लाखों श्रद्धालुओं के कारण रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट से आने-जाने के साधन ठप पड़ गए हैं. टैक्सी और ऑटो रिक्शा कई घंटों तक जाम में फंसे रहते हैं. ऐसे में कई कॉलेज के छात्र-छात्राएं अपनी मोटरसाइकिल और स्कूटी से श्रद्धालुओं को डेस्टिनेशन तक पहुंचा रहे हैं. इस सर्विस के लिए वे 100 से 1,000 रुपये तक ले रहे हैं.

रोज 3,000 से 5,000 रुपये तक कमा रहे
विजय कानून के छात्र हैं. उन्होंने बताया, ‘मैंने देखा कि लोग घंटों ट्रैफिक में फंसे हैं, इसलिए उनकी मदद करने का सोचा.’ पीटर, एक बेरोजगार पोस्ट ग्रेजुएट छात्र हैं, इस सर्विस से रोजाना 3,000 से 5,000 रुपये तक कमा रहे हैं. वह महाकुंभ खत्म होने के बाद फिर से नौकरी की तलाश शुरू करेंगे.

छुट्टी पर आया सेना का जवान भी कर रहा कमाई
इतना ही नहीं, लद्दाख में तैनात सेना के जवान लाल बहादुर छुट्टी पर आए हैं. वे भी इस पहल में शामिल हो गए हैं. उन्होंने कहा, ‘इससे मेरी पेट्रोल की लागत निकल आती है और तीर्थयात्रियों को भी फायदा हो रहा है.’

दिल्ली से आई सरकारी कर्मचारी पूनम ने संगम तक पहुंचने के लिए 500 रुपये में बाइक टैक्सी ली. उन्होंने कहा, ‘भारी भीड़ थी… लेकिन इस सर्विस के कारण मैं समय पर संगम पहुंची, स्नान किया और आज ही दिल्ली लौट रही हूं.’

हालांकि, कई श्रद्धालु इस सर्विस का स्वागत कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग किराया ज्यादा होने की शिकायत करते हुए पैदल ही अपने सामान के साथ संगम तक जा रहे हैं. 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी, महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होगा. अब तक 50 करोड़ से ज्यादा लोग त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं.

 

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