नर्मदा घाट पर अगरबत्ती व प्रसादी बेचकर जीवन यापन करने वाले युवक आकाश केवट की दुकान अतिक्रमण के नाम पर हटाई तो उसने 50 फीट ऊंचाई से कूदकर जान दे दी। जान देने के पहले उसने सुसाइड नोट में नगर परिषद अध्यक्ष अलका यादव के पति गजराज यादव सहित 10 लोगों के नाम लिखे हैं।
गुस्साए परिजन ने गजराज यादव की दुकान के सामने शव रख प्रदर्शन किया और उसकी गिरफ्तारी की मांग की है। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद युवक का अंतिम संस्कार किया गया। नगर के अयोध्या बस्ती निवासी 20 वर्षीय आकाश ने बुधवार दोपहर करीब 2.30 बजे मतंगेश्वर घाट से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली।
प्रसादी, अगरबत्ती और नारियल की दुकान
इस हृदय विदारक घटना के बाद नगर में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई है। परिजन ने आत्महत्या का कारण नर्मदा घाट पर दुकान हटाने, गाली-गलौज, मारपीट और मानसिक उत्पीड़न को बताया है। आकाश घाट पर प्रसादी, अगरबत्ती और नारियल की दुकान चलाता था। उनके पिता राजेश केवट 20 वर्षों से इसी जगह दुकान लगाते आ रहे हैं। यहां आकाश बचपन से ही उनके साथ जुड़ा था।
आकाश ने संभाली थी दुकान की जिम्मेदारी
हाल ही में दुकान की पूरी जिम्मेदारी आकाश ने संभाली थी। आकाश की मां संतोषी बाई व राजेश के अनुसार मंगलवार सुबह लगभग 10 बजे नगर परिषद अध्यक्ष अलका यादव के पति गजराज यादव और कमल राठौड़ सीधे आकाश की दुकान पर पहुंचे थे। यहां आकाश से गाली-गलौज की गई। नगर परिषद कर्मचारियों को बुलाकर बुलडोजर से ठेला और गुमटी जबरन उठवा ली गई। मोबाइल फोन भी छीन लिया और उसे धमकी दी गई।
रातभर सोया नहीं, सुबह आत्महत्या की
परिजन ने बताया कि मंगलवार को आकाश रातभर सोया नहीं। इसके बाद बुधवार को वह कूद गया। उसे अस्पताल ले जाया गया। यहां मौत हो गई। परिजन ने शाम 5 बजे नगर के विजय स्तंभ चौराहा स्थित गजराज यादव की दुकान के सामने शव रखकर धरना प्रदर्शन किया और गजराज यादव को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की मांग की। आकाश चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा था।
परिजनों के आरोप पर जारी हैं जांच
थाना प्रभारी जगदीश गोयल ने बताया कि मर्ग कायम किया है पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। परिजनों द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं उसमें भी विस्तृत जांच की जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।