मंदसौर में बुजुर्ग किसान ने तहसीलदार में कदमों में रख दी पगड़ी, जमीन पर अतिक्रमण नहीं हटने से नाराज

मंदसौर। कभी मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों राजनीतिक खींचतान से इतर एक आम नागरिक की व्यथा चर्चा का केंद्र बनी हुई है।

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ग्राम बरखेड़ा देव डूंगरी के बुजुर्ग मोहनलाल बलाई अपनी जमीन से अतिक्रमण हटवाने की मांग को लेकर करीब एक वर्ष से प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें न्याय नहीं मिला। थक-हारकर मंगलवार को वे कलेक्टर कार्यालय के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने अपनी व्यथा सुनाते हुए तहसीलदार के सामने पगड़ी उतार दी।

जनसुनवाई में पहुंचे बुजुर्ग मोहनलाल बलाई ने कलेक्टर कार्यालय के मुख्य द्वार पर धरना शुरू कर दिया। खबर लगते ही तहसीलदार सोनिका सिंह मौके पर पहुंचीं। उन्होंने बुजुर्ग से उनकी समस्या पूछी, तो मोहनलाल रो पड़े। भावुक मोहनलाल ने जमीन पर बैठकर अपनी पगड़ी तहसीलदार के पैरों में रख दी। न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि उनकी जमीन पर गांव के ही दो भाइयों पन्नालाल और पंचायत सचिव झमकलाल ने कब्जा कर लिया है।

जनसुनवाई नहीं, धन सुनवाई हो रही”

मोहनलाल ने बताया कि वे बीते एक वर्ष से एसडीएम और तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें टाल दिया जाता है। कभी कहा जाता है कि एसडीएम छुट्टी पर हैं, तो कभी तहसीलदार नहीं हैं। जब तहसीलदार मिले तो उन्होंने धमकी दी कि बार-बार आने पर जेल भिजवा देंगे। मोहनलाल ने यह भी आरोप लगाया कि यह जनसुनवाई नहीं, धन सुनवाई है। पहले पैसे दो, फिर सुनवाई होगी।

उनके अनुसार जिस भूमि पर मोहनलाल अतिक्रमण की बात कर रहे हैं, वह राजस्व रिकॉर्ड में पन्नालाल के नाम पर दर्ज है। इस कारण मोहनलाल की मांग तकनीकी रूप से गलत पाई गई और इसका निराकरण नहीं किया गया।

क्षेत्र में प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

इस पूरे घटनाक्रम ने क्षेत्र में प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर आमजन न्याय की तलाश में दर-दर भटकते हैं, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार और राजनीतिक हस्तक्षेप की बातें चर्चा में हैं।

मोहनलाल की यह भावुक अपील और उनका पगड़ी उतारना न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष को दर्शाता है, बल्कि प्रशासनिक संवेदनशीलता की भी परीक्षा लेता है।

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