खंडवा जिले में पारदी गैंग ने छत्तीसगढ़ पुलिस के ट्रैफिक आरक्षक और एक ऑटो डीलर से साढ़े 17 लाख रुपये की लूट को अंजाम दिया। गैंग ने सस्ता सोना देने का लालच देकर उन्हें हरसूद बुलाया और वहां झाड़ियों में फंसा कर मारपीट की। इसके बाद उनका बैग जिसमें नकदी, मोबाइल, एटीएम कार्ड और पहचान पत्र थे, छीनकर फरार हो गए।
मामले की रिपोर्ट फरियादी आरक्षक मयंक ने दर्ज कराई। उसने बताया कि आरोपित युवराज उर्फ सेवकराम ने एक किलो सोना सस्ते दामों में बेचने का झांसा दिया था। 31 अगस्त को वह और उसके साथी 17.5 लाख रुपये लेकर हरदा रोड पर पहुंचे। वहां युवराज और उसके साथियों ने पहले सोने जैसे सिक्के दिखाए और फिर हमला कर लूटपाट की। युवराज और शबनम पारदी समेत गैंग के अन्य सदस्यों ने हाथ मुक्कों से पीटा और लाठियों व कुल्हाड़ी से धमकाया।
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। एसपी मनोज कुमार राय के निर्देश पर टीआई राजकुमार राठौर और साइबर प्रभारी प्रवीण आर्य ने टीम गठित की। आरोपितों की लोकेशन और फुटेज के आधार पर 24 घंटे में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से 13 लाख 79 हजार रुपये नकद, तीन मोबाइल फोन और बैग बरामद किया गया। शेष आरोपितों की तलाश जारी है।
जांच में सामने आया कि तीन माह पहले गैंग का सदस्य युवराज झारखंड गया था, जहां उसकी मुलाकात अजय परिहार से हुई। अजय ने उसे फरियादियों से मिलवाया और सोना बेचने का लालच दिया। इसी जाल में फंसकर आरक्षक मयंक अपने साथियों के साथ हरसूद पहुंचा और लूट का शिकार हुआ।
पुलिस ने युवराज, शबनम और अन्य दो आरोपितों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है, ताकि बाकी रकम और सामान बरामद किया जा सके। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी हरसूद, साइबर सेल, और पुलिस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
यह घटना बताती है कि लालच में आकर बिना जांच परखे सौदे करना कितना खतरनाक साबित हो सकता है।