राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में पहले टाइगर ने इंसान को मारा और फिर इंसानों ने टाइगर को मार डाला. टाइगर की मौत के बाद रणथंभौर बाघ परियाोजना जैसे प्रोजेक्ट में मॉनिटरिंग पर सवाल उठ रहे हैं.
दरअसल, बीते शनिवार को सवाई माधोपुर के उलियाना गांव के खेत में एक व्यक्ति का शव मिला था. इसे सड़क पर रखकर लोग मुआवज़ा मांगने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. इसी बीच, रविवार को सोशल मीडिया पर एक फ़ोटो वायरल हुआ. देखा गया कि उसी गांव के खेत में एक टाइगर मरा हुआ था और उसके मुंह पर खून लगा हुआ था. साथ ही जानवर के शरीर पर चोटें थीं. वन विभाग के टीम जब मरे हुए टाइगर के पास पहुंची तो यह 14 साल का टी-86 उर्फ ‘चिरकू’ निकला. यह टी-8 और कुंभा का संतान था और कई दिनों से बीमार था.
रणथंभौर के सीसीएफ अनुप केआर ने कहा कि मौत के कारणों की जांच हो रही है. पोस्टमार्टम के बाद मौत की वजहों का सही पता चल पाएगा. ‘चिरकू’ टेरिटेरी फ़ाइट के कारण यह अपने फ़ॉरेस्ट ज़ोन से निकलकर कुंडेर इलाके में चला गया था.
उलियाना गांव के कुछ लोगों के अनुसार, शनिवार को टाइगर ने राम कल्याण मीणा के बेटे भरतलाल मीणा को उसके खेत में हमला कर मार डाला था. इंसान की हत्या के बाद टाइगर उसी जगह पर 20 मिनट तक बैठा था. उसके बाद ग्रामीणों को जब पता लगा तो वो चारों तरफ़ से घेरकर टाइगर पर पत्थरबाज़ी करने लगे. एक पत्थर टाइगर के सिर पर लगा और उसके बाद वह उठकर जाने लगा तो लड़खड़ाकर गिर गया. जैसे टाइगर गिरा, गांववालों ने कुल्हाड़ी और पत्थरों से वार कर दिया. इस हमले में जंगली जानवर की मौत हो गई.
वन मंत्री संजय शर्मा ने टाइगर की मौत मामले में जांच कर रिपोर्ट भेजने को कहा है. इस बीच, मृतक भरतलाल मीणा के परिवार और सरकार के बीच मुआवजे के समझौते के बाद धरना हटा लिया गया है. समझाने के लिए मंत्री किरोड़ी लाल मीणा मौक़े पर पहुंचे थे.