सुल्तानपुर : सुल्तानपुर जिले के हनुमानगंज बाईपास पर बने रेलवे ओवरब्रिज की सड़क उद्घाटन के मात्र 50 दिनों में ही धंस गई है। 15 जुलाई 2025 को उद्घाटित इस ओवरब्रिज की लागत 43 करोड़ रुपये है. सुल्तानपुर-वाराणसी फोरलेन हाइवे का यह बाईपास स्वीकृति के 10 साल बाद पूरा हुआ था.
प्रोजेक्ट को 2015 में मंजूरी मिली थी. 2016 में काम शुरू होने के बाद इसे फोरलेन से सिक्स लेन में बदलने का प्रस्ताव आया। रेलवे से अनुमति में दो साल लगे. श्रद्धा इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 1.26 किलोमीटर लंबे इस ओवरब्रिज का निर्माण 30 करोड़ की लागत से 2020 में शुरू किया. इसे अप्रैल 2022 तक पूरा होना था.
लेकिन 15 महीने की देरी से जुलाई 2025 में काम पूरा हुआ. 5 सितंबर को दक्षिणी तरफ की एक लेन धंस गई. निर्माण कंपनी ने इस लेन पर बैरियर लगाकर आवागमन रोक दिया है. धंसे हिस्से को काटकर हटा दिया गया है. इससे तेज रफ्तार वाहनों के लिए दुर्घटना का खतरा बना हुआ है. फोरलेन का रेलवे ओवरब्रिज बनाने का काम पहले हाइवे बनाने वाली गायत्री प्रोजक्ट लिमिटेड को दिया गया था.
जो निर्माण मे लापरवाही पर सरकार ने ब्लैक लिस्टेड घोषित कर दिया तो दिव्या इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिया गया. फोरलेन की आरसीसी सड़क और पुल बनाने वाली कंपनी ने इसकी दस साल की गारंटी ली है. जिसका मेंटीनेंस दस साल तक होना है. सड़क धंसने पर कंपनी के अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि इसकी दस साल की मेंटीनेंस की गारंटी है जो कमी आऐगी उसे निर्माण कंपनी बनाऐगी.
एनएचएआई के परियोजना प्रबंधक नितिन कुमार के अनुसार, निर्माण कंपनी की 10 साल की मेंटीनेंस गारंटी है. क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत का काम चल रहा है. साथ ही बाईपास और हाइवे का नियमित रखरखाव भी किया जा रहा है.