सुपौल में युवक ने नाबालिग को बनाया हवश का शिकार, न्यायालय ने सुनाई 25 वर्ष की सजा

सुपौल: अपहरण बाद नाबालिग के साथ किए गए दुष्कर्म के एक मामले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश षष्टम सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो संतोष कुमार दुबे की कोर्ट ने एक अभियुक्त को दोषी करार करते हुए 25 वर्ष सश्रम कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई है.

मामला किशनपुर थाना कांड संख्या 143/ 2021 तथा जनित पोक्सो वाद संख्या 59/ 2021 से संबंधित है. इसमें थाना क्षेत्र के एक किशोरी का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. इस मामले में पटना के डुमरिया गर्दनीबाग वार्ड नंबर 13 निवासी अजीजुल्लाह को अभियुक्त बनाया गया था. इसमें कहा गया था कि उनकी नाबालिग बेटी को अपहरण कर ले गया और फिर उनके साथ मुंह काला किया. सुनवाई उपरांत उक्त कोर्ट ने अजीजुल्लाह को दोषी करार करते हुए भादवि की धारा 376 (2) (आई)(एन) तथा पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 25-25 वर्ष का सश्रम कारावास व 50 हजार रुपये अर्थदंड, पोक्सो अधिनियम की धारा 4 के तहत 20 वर्ष सश्रम करावास व 20 हजार रुपये अर्थदंड भादवि की धारा 363 के तहत 5 वर्ष कारावास व 10 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 323 के तहत 3 वर्ष कारावास व 500 रुपये अर्थदंड तथा धारा 506 के तहत 1 वर्ष का कठोर कारावास व 500 रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है. अर्थ दंड की राशि भुगतान नहीं करने पर अधिकतम 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी । जबकि अभियुक्त द्वारा पूर्व में कारा में बिताई गई अवधि दी गई सजा में समायोजित की जाएगी. कोर्ट ने अपने आदेश में पीड़िता को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की भी बात कही है.

इस मामले में पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में अभियोजन कोषांग के द्वारा वाद का त्वरित विचारण कर 8 साक्षियों की गवाही समय से कराई गई थी. सभी साक्षियों के द्वारा अपने-अपने बयान में घटना तथा प्राथमिकी का समर्थन किया गया था. इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक पोक्सो नीलम कुमारी तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सुधीर झा ने बहस में हिस्सा लिया.

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