छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में प्रसव के दौरान मां और बच्चे दोनों की मौत हो गई। जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर स्थित भटगांव में रहने वाले पहाड़ी कोरवा समुदाय के एक परिवार को 11 साल बाद संतान की प्राप्ति होने वाली थी। लेकिन डॉक्टर की अनुपस्थिति में हुए प्रसव के दौरान मां और बच्चे दोनों की मौत हो गई।
मामला बालको थाना क्षेत्र का है। बताया जा रहा है अजगर बहार स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर मौजूद नहीं थे। मृतका के पति ने बताया कि वहां केवल एक महिला कर्मचारी थी, जो संभवतः स्टाफ नर्स रही होगी, उसने प्रसव कराया था, बच्चा होते समय ठीक था।
प्रसव के दौरान मंघई बाई (गर्भवती) बार-बार बेहोश हो रही थीं। उन्होंने मृत बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद मंघई बाई की हालत और बिगड़ने लगी। महिला कर्मचारी ने उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया। संजीवनी एक्सप्रेस के आने से पहले ही मंघई बाई ने भी दम तोड़ दिया।
बच्चा होते समय ठीक था – मृतका का पति
मंघई बाई अमर सिंह की पत्नी है। 16 जून को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर महतारी एक्सप्रेस के जरिए उन्हें स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था। वहां एक नर्स थी। बच्चा होते समय ठीक था लेकिन बाद में मृत बता दिए।
घटना के बाद अमर सिंह अपनी पत्नी और नवजात शिशु के शव को घर लेकर पहुंचे। परिवार में मातम छा गया। विशेष जनजाति श्रेणी में आने वाले इस पहाड़ी कोरवा परिवार को 11 साल बाद मिलने वाली खुशी मातम में बदल गई।