वाराणसी में क्षत्रिय VS राजभर! मारपीट मामले में करणी सेना ने लगाया एकतरफा कार्रवाई का आरोप, बुलाई महापंचायत, हाथ जोड़ती रही पुलिस

वाराणसी के छितौना गांव में बीते दिनों राजभर और क्षत्रिय समाज के परिवारों के बीच हुई मारपीट का मामला तूल पकड़ रहा है. इसको लेकर क्षत्रिय महासभा की महापंचायत होनी थी, लेकिन पुलिस ने उसको रोक दिया. इस दौरान गांव जाने वाले रास्ते संदहा चौराहे पर जुटे क्षत्रिय समाज के लोगों और पुलिस के बीच में जमकर धक्का-मुक्की हुई. लगभग 2 घंटे तक गहमागहमी चलती रही. धारा-163 लागू होने के बावजूद पुलिस अधिकारी प्रदर्शनकारियों के सामने हाथ जोड़कर याचना करते नजर आए.

Advertisement

दरअसल, छितौना गांव में क्षत्रिय और राजभर पक्ष में हुए विवाद के बाद माहौल गर्म है. इस बीच क्षत्रिय महासभा की ओर से कार्रवाई के लिए 48 घंटे का वक्त देने इनकार कर दिया गया और वाराणसी-गाजीपुर मार्ग पर स्थित संदहा चौराहे पर महापंचायत की घोषणा कर दी गई.

इसी महापंचायत को रोकने के लिए वाराणसी जिला प्रशासन और पुलिस बल ने पूरी तरह से कमर कसी हुई थी. गांव की ओर जाने वाले तमाम रास्तों को भी सील कर दिया गया था. लेकिन बावजूद इसके क्षत्रिय समाज के लोग संदहा तक पहुंच गए. पुलिस ने इनको हटाने का प्रयास किया तो पुलिस और क्षत्रिय समाज के लोगों के बीच में जमकर धक्का-मुक्की हुई.

पुलिसवाले प्रदर्शनकारियों को धक्का देकर पीछे करते दिखे तो कई बार हाथ जोड़कर मिन्नत भी करते नजर आए. जबकि, BNS की धारा 163 के तहत पुलिस कार्रवाई कर सकती थी, मगर पुलिस टीम मिन्नत करके किसी तरह मामला शांत करने में जुटी हुई थी. आखिर में पुलिस अधिकारियों ने निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन देते हुए किसी तरह मामला शांत कराया.

जानिए विवाद का कारण

जानकारी के मुताबिक, खेत में पशु के घुस जाने को लेकर वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना गांव में 5 जुलाई को राजभर और क्षत्रिय परिवार के बीच में मारपीट हो गई थी. राजभर पक्ष की ओर से मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने क्षत्रिय पक्ष के अमित और अनुराग को जेल भेज दिया था. इस मामले में करणी सेना की तरफ से आरोप लगाया गया था कि श्रम मंत्री अनिल राजभर के दबाव में आकर क्षत्रिय पक्ष की एफआईआर नहीं लिखी गई .

भारी विरोध के बाद दूसरे पक्ष की तरफ से संजय सिंह ने भी राजभरों पर मुकदमा दर्ज कराया. फिर सुभासपा नेता अरविंद राजभर दो दिनों पहले जब छितौना गांव पहुंचे तो वहां तनाव बढ़ गया. इसके बाद प्रशासन की ओर से सर्किट हाउस में मामला शांत करने के लिए क्षत्रिय समाज की बैठक बुलाई गई थी. जिसपर लोगों ने आगे विरोध न करने का आश्वासन दिया था, लेकिन क्षत्रिय समाज के सभी संगठन इस पर एक मत नहीं हो पाए.

पुलिस का बयान

इस पूरे मामले में DCP वरुणा प्रमोद कुमार ने बताया कि कल सभी पक्षों से वार्ता हो गई थी कि कोई भी छितौना गांव नहीं जाएगा. इस संबंध में हमने धारा-163 लागू कर दी थी. सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी नजर रखी जा रही थी. सभी संगठनों ने अपना आह्वान निरस्त कर दिया था. सोशल मीडिया के जरिए अलग-अलग जनपदों से लोगों के आने की बातें थी. जिनको हम लोगों ने समझाकर वापस कर दिया है. पूर्णतः शांति बनी हुई है और काफी संख्या में फोर्स भी तैनात है. गांव में भी फोर्स तैनात है जो भी बाहर के लोग आ रहे हैं उन्हें भी वापस भेज दिया जा रहा है.

Advertisements