उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. 13 साल पहले हुई शादी के बाद जब महिला को बेटा नहीं हुआ तो उसे घर से निकाल दिया गया. वहीं महिला को बेटी होने पर प्रताड़ित भी किया जाता रहा. पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस से भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. पीड़ित अब दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. पीड़ित अपनी मासूम बेटियों के साथ इंसाफ के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगाई है.
एक महिला, जिसने सपनों के साथ ससुराल की चौखट पर कदम रखा था, लेकिन 13 साल बाद वही चौखट उसके और उसकी मासूम बेटियों के लिए पराई हो गई. सिर्फ इसलिए क्योंकि उसकी कोख से बेटे ने जन्म नहीं लिया. इसलिए पति समेत ससुराल के अन्य लोगों ने महिला को उसकी नाबालिग बेटियों के साथ दर-दर भटकने को मजबूर कर दिया. महिला ने पुलिस को फोन किया तो पुलिस ने महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराकर चली गई. महिला अपनी दो बेटियों को लेकर अस्पताल के बाहर बैठी रही.
दरअसल, छितौनी गांव की रहने वाली सुशीला की शादी 13 साल पहले सुशील कुमार से हुई थी. दो बेटियों वैष्णवी (10) और प्रतिज्ञा (9) की मां सुशीला ने बेटे को भी जन्म दिया था, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था, वह बच्चा दो साल पहले पैदा होने के कुछ घंटे बाद इस दुनिया से चला गया.
पुलिस भी मदद से बचती नजर आई
बेटे की मौत के बाद सुशीला के जीवन में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. पति और ससुराल वाले उसे ताने देने लगे. क्या करेगी इन लड़कियों को लेकर, यह सिलसिला केवल शब्दों तक नहीं रुका. मारपीट, गाली-गलौच और घर से बेदखली तक पहुंच गया. डायल 112 पर फोन कर सुशीला ने मदद की गुहार लगाई. पुलिस उसे अस्पताल तक छोड़ गई, लेकिन वहां से आगे कोई राहत नहीं मिली. पीड़ित सुशीला अब अपनी दो बेटियों के साथ इटावा के जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल के दरबार में इंसाफ की आस लगाए पहुंची है.
महिला ने पति,सास-ससुर पर लगाया आरोप
जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भेजा है. सुशीला ने अपने पति, सास-ससुर और अपने पति की दो बहनों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. घरेलू हिंसा, उत्पीड़न और मानसिक यातना का भी आरोप लगाया है. सुशीला की आंखों में अब भी उम्मीद की एक किरण है, कि शायद कानून उसकी और उसकी बेटियों की जिंदगी को फिर से एक सुरक्षित छत दे सके.
सुशीला ने बताया कि उसके चार ऑपरेशन हो चुके है, उसके पति सास, ससुर, नंनद सिर्फ इस बात के लिए उसको आए दिन प्रताड़ित करते है कि आखिर उसके कोई बेटा नहीं है. महिला के दो वर्ष पूर्व एक पुत्र हुआ था लेकिन वह जन्म के कुछ घंटे बाद ही इस दुनिया से चला गया. तब से लेकर महिला को लड़का न होने कीसजादी जा रही है.