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अच्छी नौकरी के नाम पर भारतीय से सऊदी के तपते रेगिस्तान में चरवाए ऊंट, अब हुई वापसी!

इसी साल नेटफ्लिक्स पर एक फिल्म रिलीज हुई है- The Goat Life. डायरेक्टर ब्लेसी थॉमस की यह फिल्म एक ऐसे भारतीय कैरेक्टर (नजीब मुहम्मद) पर आधारित है जो काम के सिलसिले में सऊदी अरब पहुंचा है. लेकिन नजीब मुहम्मद के सुनहरे सपने तब चकनाचूर हो जाते हैं जब उसे बिना किसी मेहनताना के हाड़तोड़ गुलामी कराई जाती है. नजीब को उसका मालिक सऊदी अरब के रेगिस्तान में जला देने वाली गर्मी में भेड़ चराने के लिए मजबूर करता है. नजीब किस तरह इस गुलामी से भागने में कामयाब होते हैं-फिल्म उसी के बारे में है. अब इसी से मिलती-जुलती एक सच्ची घटना सामने आई है जिसमें सऊदी अरब गए एक भारतीय को रेगिस्तान में ऊंट चराने पर मजबूर किया गया.

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सऊदी के रेगिस्तान से रोते हुए वीडियो हुआ था वायरल

भारत के नामदेव राठौड़ ने सऊदी अरब से अपनी पत्नी को एक सेल्फी वीडियो भेजा था जिसमें वो रेगिस्तान में तपती धूप में खड़े होकर अपनी कहानी बताते दिख रहे थे. वीडियो में नामदेव लगातार रोते दिख रहे थे और उनके पीछे ऊंटों का झुंड दिखाई दे रहा था.

 

नामदेव तेलंगाना के निर्मल जिले के Ruvvi गांव से हैं और कुछ समय पहले ही काम के सिलसिले में वो खाड़ी देश गए थे. उनके बिचौलिए ने वादा किया था कि उन्हें कतर में हाउसकीपिंग का काम दिया जाएगा. लेकिन इस काम के बजाए उनसे सऊदी अरब के रेगिस्तान में ऊंट चराने का काम लिया जाने लगा.

इस शोषण से मजबूर नामदेव ने अपनी पत्नी को एक वीडियो भेजा जिसमें वो बेतहाशा रोते हुए दिखाई दिए. अपने स्थानीय भाषा में बोलते हुए नामदेव कह रहे थे कि उन्हें उनका मालिक हद से ज्यादा गर्मी में रेगिस्तान में ऊंट चराने का काम करवा रहा है. वीडियो में वो तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी से देश वापस आने में मदद के लिए गुहार लगाते दिख रहे थे.

नामदेव की पत्नी लक्ष्मी इसके बाद हैदराबाद स्थित विदेश मंत्रालय के प्रोटेक्शन ऑफ इमिग्रेशन (POE) पहुंचीं. उन्होंने अधिकारियों से मांग की कि उनके पति को सऊदी अरब से वापस लाने में सरकार उनकी मदद करे.

51 साल के नामदेव को भारत वापस लाने में भारतीय दूतावास के अधिकारियों और कुवैत, सऊदी स्थित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मदद की. बहुत कोशिशों के बाद नामदेव इसी हफ्ते मंगलवार को सऊदी अरब से भारत वापस लौटे हैं.

राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जब वो उतरे तो वहां उनकी पत्नी और बेटा उनका इंतजार कर रहे थे. गुलामी से निकलकर देश वापस लौटने की खुशी नामदेव के चेहरे पर दिखाई दे रही थी. उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी और कुवैत, रियाद (सऊदी अरब की राजधानी) स्थित भारतीय दूतावासों को मदद के लिए धन्यवाद भी दिया है.

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