रेलवे में नौकरी के नाम पर ट्रेनें गिनवाईं, ट्रेनिंग के बाद एक महीने की सैलरी भी दी, MP के लड़कों से ठग लिए लाखों 

रेलवे में पक्की नौकरी का सपना दिखाकर मध्य प्रदेश के बेरोजगार युवाओं से 10 लाख रुपये की ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. ठगों ने ग्वालियर-डबरा युवाओं से दस्तावेज जमा करवाए और 2 से 5 लाख रुपये तक वसूले. यही नहीं, उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन पर ट्रेनिंग के नाम पर दोनों युवकों की ट्रेनें गिनने और प्लेटफॉर्म ड्यूटी करवाई. पहले महीने वेतन भी दिया गया ताकि भरोसा बने, लेकिन जॉइनिंग लेटर नहीं दिया. लेटर और आई कार्ड मांगे जाने पर आरोपी फरार हो गए. पीड़ित युवाओं ने डबरा शहर थाना पुलिस में शिकायत दर्ज की है. डबरा थाना प्रभारी यशवंत गोयल ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

ग्वालियर जिला स्थित डबरा थाना पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला कि यह एक बड़े ठगी रैकेट का हिस्सा है, जो तमाम शहरों में बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाता है. पीड़ित युवाओं ने इसे बेरोजगारी का फायदा उठाकर किया गया संगठित अपराध बताया है. पुलिस ने जांच तेज कर दी है और ठगों की तलाश में जुटी है.

डबरा के दोनों युवाओं को झांसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन पर एक महीने तक ट्रेनिंग दी गई, जहां उन्हें अप-डाउन ट्रेनों की गिनती करने और रजिस्टर में नोट करने का काम सौंपा गया. ठगों ने असली नौकरी का भरोसा दिलाने के लिए पहला वेतन भी दिया, लेकिन इसके बाद ठग गायब हो गए.

बता दें कि साल 2022 में भी इस तरह का मामला सामने आया था. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर नौकरी दिलाने के नाम पर तमिलनाडु के 25 लोगों से कुल 2.6 करोड़ रुपये ठग लिए थे. यहां भी ठगों ने फर्जी तरीके से नौकरी पर लोगों से हर दिन रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों की संख्या गिनने को कहा था

आरोपियों ने रेलवे में ट्रैवल टिकट परीक्षक (TTE) और क्लर्क की नौकरी दिलाने का वादा करके इन लोगों को अपने जाल में फंसाया और हर कैंडिडेट उम्मीदवार से लाखों रुपये ठगे. यह मामला तब सामने आया जब तमिलनाडु के एक पूर्व सैनिक एम. सुब्बुसामी ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी.

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