ओडिशा के नबरंगपुर जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां इलाज के नाम पर एक महीने के बच्चे को लोहे की गर्म छड़ से करीब 40 बार दागा गया. इसके बाद बच्चे की हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अंध विश्वास के चलते परिजनों ने ही बच्चे को 40 बार लोहे की छड़ से दाग दिया. घटना की जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को दी.
जानकारी के मुताबिक मामला बच्चा नबरंगपुर जिले के चंदाहांडी खंड के गंभरीगुडा पंचायत के फुंडेलपाड़ा गांव का है. दरअसल, बच्चे को 10 दिन पहले फीवर आया था और वो लगातार रो रहा था. परिवार के लोगों का मानना था कि बच्चे पर किसी बुरी आत्मा का साया है. जिससे बच्चे को बचाने के लिए परिवार के ही लोगों ने उसे लोहे की गर्म छड़ से दाग दिया.
बच्चे के सिर- पेट का दागा
नबरंगपुर के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) डॉ. संतोष कुमार पांडा अस्पताल पहुंचे. उन्होंने परिजनों से बातकर बच्चे का हालचाल जाना. पांडा ने कहा कि शिशु के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है. उन्होंने कहा कि बच्चे के पेट और सिर पर करीब 30 से 40 निशान हैं. घटना को अंधविश्वास की वजह से अंजाम दिया गया. परिवार के सदस्यों का मानना था कि अगर बच्चे को लोहे की गर्म छड़ से दागा जाएगा तो उसकी बीमारियां ठीक हो जाएंगी.
अस्पताल में चल रहा इलाज
उन्होंने बताया कि लोहे की गर्म छड़ से दागने के बाद जब बच्चे की हालत गंभीर हो गई तो उसे उमरकोट अस्पताल में भर्ती कराया गया. सीडीएमओ ने कहा कि दूरदराज के इलाकों में इस तरह की प्रथाओं का लंबे समय से चलन है. स्वास्थ्य विभाग ने चंदाहांडी खंड पर ध्यान केंद्रित करने और लोगों को जागरूक करने का फैसला किया है जिससे बच्चों को लोहे की गर्म छड़ से दागने के बजाय उन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाया जाए.