इस शहर में सिर्फ़ 2 घंटे ही चला सकेंगे फोन! सरकार ने दिया ये प्रस्ताव

आज के समय में हर चीज स्मार्टफोन के जरिए हो रही हैं. स्कूली छात्र भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं.  स्मार्टफोन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल बच्चे और बड़े दोनों के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से खतरनाक साबित हो रहा है.  इसे देखते हुए जापान के एक शहर में स्क्रीन टाइम कम करने के लिए सरकार ने कानून लाने का प्रस्ताव दिया है.

रात को कुछ देर ही फोन का इस्तेमाल करें

आइची प्रान्त की एक नगरपालिका, टोयोआके ने अपनी स्थानीय असेंबली में यह प्रस्ताव रखा है. इसमें कहा गया है कि परिवार आपस में बात करें और तय करें कि बच्चे और बड़े लोग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर कितना समय बिताएंगे. सुझाव दिया गया है कि प्राथमिक स्कूल के बच्चे रात 9 बजे तक और बड़े लोग और स्कूली छात्र रात 10 बजे तक ही डिवाइस का इस्तेमाल करें.

मेयर मासाफुमी कोकी ने कहा कि इसका उद्देश्य अधिकारों को प्रतिबंधित करना या दंड लगाना नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य शिक्षा और पारिवारिक जीवन पर अत्यधिक स्क्रीन टाइम से होने वाले नुकसानों को बताना है. मैनिची अखबार के अनुसार मेयर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह हर परिवार के लिए स्मार्टफोन पर बिताए जाने वाले समय और दिन के किस समय डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है, इस पर विचार करने और चर्चा करने का एक अवसर होगा.

प्रस्ताव में कहा गया है कि लोगों को दिन में ज्यादा से ज्यादा दो घंटे फोन का इस्तेमाल करना चाहिए. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि बच्चों में नींद की कमी हो रही है. पूरे दिन फोन चलाने की वजह से बच्चे दोस्त और परिवार के साथ कम समय बिताते हैं. अधिकारियों ने बताया कि कई बच्चे स्कूल न जाकर घर पर सिर्फ स्मार्टफोन में लगे रहते हैं.

लोगों ने विरोध में किए कई ई-मेल और कॉल्स

इस प्रस्ताव ने लोगों के बीच बहस छेड़ दी है. 21 से 25 अगस्त के बीच, शहर को 120 से ज़्यादा कॉल और ईमेल मिले हैं, जिनमें से लगभग चार में से पांच ने इस प्रस्ताव का विरोध जताया है. कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि क्या अधिकारियों को व्यक्तिगत फैसलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार है, जबकि अन्य ने पूछा कि क्या अध्यादेश लाना जरूरी है. हालांकि, समर्थकों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह स्मार्टफोन की लत को कम करेगा.

यदि यह विधेयक पास हो जाता है, तो यह जापान का पहला शहरव्यापी दिशानिर्देश होगा जो केवल बच्चों के लिए नहीं, बल्कि सभी निवासियों के लिए होगा. यह ऐसे समय में आया है जब दुनिया भर की सरकारें डिजिटल लत और जन स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को लेकर बढ़ती चिंताओं से निपटने के लिए संघर्ष कर रही हैं.

पिछले नवंबर में, ऑस्ट्रेलिया ने 16 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिए सोशल मीडिया तक पहुंच पर प्रतिबंध लगाने वाला विश्व का पहला प्रतिबंध पारित किया था. डेनमार्क में स्कूलों और स्कूल के बाद के क्लबों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने की योजना भी चल रही है, जबकि दक्षिण कोरिया ने भी मार्च 2026 से देश भर में स्कूल कक्षाओं में मोबाइल फोन और डिजिटल उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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