प्यार और रिश्तों में वैलिडेशन पाने के लिए लोग कभी-कभी ऐसे कदम उठा लेते हैं, जिनके बारे में सुनकर ही रोंगटे खड़े हो जाएं. तुर्की में इन दिनों एक ऐसा ट्रेंड चर्चा में है जो जितना चौंकाने वाला है, उतना ही खतरनाक भी. इसका नाम है लिंब-शॉर्टनिंग सर्जरी. सोचिए, महिलाएं खुद अपनी हाइट घटवा रही हैं!
दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में लोग लंबा होने के लिए लाखों रुपये खर्च कर लेग-लेंथनिंग सर्जरी कराते हैं, लेकिन तुर्की की कई महिलाएं इसके ठीक उलट अपनी लंबाई कम करने का रास्ता चुन रही हैं. सवाल ये उठता है कि आखिर कोई ऐसा क्यों करेगा?
क्यों घटा रही हैं महिलाएं अपना कद?
इस्तांबुल की मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि इसे ‘हाइट पॉलिटिक्स’ कहा जा रहा है. आम धारणा यह है कि ज्यादातर पुरुष छोटी कद वाली महिलाओं को पसंद करते हैं, वहीं महिलाएं लंबे पुरुषों को. ऐसे में लंबी महिलाएं अक्सर असहज महसूस करती हैं. इसी असहजता को मिटाने और डेटिंग गैप खत्म करने के लिए वे इस दर्दनाक सर्जरी तक का सहारा ले रही हैं.
कैसे होती है यह सर्जरी?
लिंब-शॉर्टनिंग सर्जरी में डॉक्टर जांघ (फीमर) या पिंडली (टिबिया) की हड्डी काटकर उसका हिस्सा निकालते हैं और फिर बची हुई हड्डी को स्टील रॉड से जोड़ते हैं. इस तरीके से जांघ की लंबाई करीब 5.5 सेंटीमीटर और पिंडली की लंबाई लगभग 3 सेंटीमीटर तक कम हो सकती है.
एक महिला ने तो अपनी हाइट 172 सेमी (5 फीट 7.7 इंच) से घटाकर 167.9 सेमी (5 फीट 6 इंच) करवा ली, सिर्फ इसलिए ताकि उसे पार्टनर कबूल कर ले.
ग्लैमर बनाम हकीकत
इस्तांबुल की कई हाई-प्रोफाइल क्लीनिक इसे लक्जरी पैकेज की तरह बेच रही हैं. पैकेज में न सिर्फ सर्जरी, बल्कि अस्पताल में रहना, शहर घूमना, रेस्टोरेंट में डिनर और यहां तक कि बोट राइड भी शामिल होती है. सुनने में यह सब ग्लैमरस लगता है, लेकिन असलियत बहुत दर्दनाक है.
रिकवरी में महीनों लग जाते हैं. कई मरीजों को लंबे समय तक व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ता है. हफ्ते में 4-5 बार फिजियोथेरेपी करनी पड़ती है. और सबसे बड़ा खतरा-नसों को नुकसान, इंफेक्शन, हड्डियों का न जुड़ना और स्थायी कमजोरी.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कुछ शोध बताते हैं कि लंबी महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस और कैंसर का खतरा ज्यादा हो सकता है, लेकिन डॉक्टर साफ कहते हैं कि इसका कद घटाने की सर्जरी से कोई लेना-देना नहीं. यह पूरी तरह से सामाजिक दबाव और आत्म-स्वीकृति की कमी का नतीजा है.
मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कॉस्मेटिक कारणों से कराई जाने वाली बेहद जोखिम भरी प्रक्रिया है.मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि यह ट्रेंड समाज में खूबसूरती और मर्द-औरत से जुड़े पुराने मानकों की वजह से बढ़ रहा है.