बिहार के भागलपुर जिले का एक गांव देशभर के लोगों को यह संदेश देता है कि पर्यावरण के लिए पेड़ और समाज के लिए बेटियां कितनी महत्वपूर्ण है. जब भी बेटी के जन्म की बात होती है तो नवगछिया के धरहरा गांव का जिक्र जरूर होता है. इस गांव में बेटी के जन्म पर वृक्षारोपण की परंपरा सदियों से चलती आ रही है. धरहरा गांव में बेटियों के जन्म पर फलदार वृक्ष लगाए जाते हैं. यह परंपरा उस दौर से चली आ ही है जब बेटियों को कोख में ही या जन्म के बाद मार दिया जाता था, लेकिन इस गांव ने ऐसा करने वालों के मुंह पर हमेशा कड़ा तमाचा मारा है.
बेटी के जन्म पर वृक्षारोपण की अनोखी परंपरा से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2010 से 2013, यानी 4 साल तक लगातार इस गांव का दौरान किया. विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर बेटी के नाम पर पौधारोपण किया, लेकिन अब एक दशक से अधिक हो गए हैं और सीएम नीतीश भी धरहरा गांव को भूल गए हैं, इसके बावजूद परंपरा जारी है. आज भी बेटी के जन्म पर वृक्षारोपण किया जाता है.