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विवेक, मस्क, वॉल्ट्ज… ट्रंप के Top 7 Pick में, शपथ से पहले बनी मेगा टीम के भारत के लिए क्या मायने?

राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप अगले साल 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने को तैयार हैं. शपथ लेने से पहले वह अपनी टीम फाइनल कर रहे हैं. विदेश से लेकर रक्षा, वित्त, NSA समेत DOGE जैसे अहम पदों पर वह नियुक्तियां कर चुके हैं. आइए, एक नजर डालते हैं कि इन पदों पर नियुक्त किए गए नेताओं की भारत को लेकर क्या राय है?

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ट्रंप ने वॉर वेटेरन माइक वॉल्ट्ज को अमेरिका का नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया है. मार्को रूबियो को विदेश मंत्री, स्कॉट बेसेंट को वित्त मंत्री, पीट हेगसेट को रक्षा मंत्री, जॉन रैटक्लिफ को CIA प्रमुख, क्रिस्टी नोएम को होमलैंड सिक्योरिटी मंत्री और एलॉन मस्क-विवेक रामास्वामी को DOGE जैसा अहम विभाग दिया है.

Pro-Indian हैं माइक वॉल्ट्ज!

अफगानिस्तान, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में युद्ध के मोर्चों में शामिल हो चुके माइक वॉल्ट्ज अमेरिका के नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) होंगे. वह लंबे समय से अमेरिका की मजबूत डिफेंस स्ट्रैटेजी की वकालत करते रहे हैं. देश की सुरक्षा को और मजबूत करने के हिमायती हैं.

माइक वॉल्ट्ज अमेरिकी सीनेट में इंडिया कॉकस (India Caucus) के प्रमुख हैं. भारत को लेकर वह अपने नरम रुख के लिए जाने जाते हैं. पिछले साल जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के दौरे पर गए थे तो कैपिटल हिल में पीएम मोदी के भाषण की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी वॉल्ट्ज के पास ही थी.

वह कई मौकों पर भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को बढ़ाने की बात कर चुके हैं. पीएम मोदी ने 2023 अमेरिकी दौरे के दौरान वॉल्ट्ज से गर्मजोशी के साथ मुलाकात की थी. ऐसे में माना जा रहा है कि उनके एनएसए पद संभालने के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों को और मजबूती मिलेगी.

न्यूज एंकर को बनाया रक्षा मंत्री

ट्रंप ने रक्षा मंत्री के तौर पर फॉक्स न्यूज के मशहूर होस्ट पीट हेगसेथ को नियुक्त किया है. इराक और अफगानिस्तान युद्ध पर पीट हेगसेथ के विश्लेषण चर्चा में रहे हैं. 2016 में ट्रंप के पहली बार राष्ट्रपति बनने के समय पीट ने उनका खुलकर समर्थक किया था.

ट्रंप ने पीट की सराहना करते हुए कहा है कि वह बेहद होशियार, सख्त और अमेरिका फर्स्ट एजेंडे में विश्वास करने वाले शख्स हैं. उन्हें भारत के प्रति उनके नरम रुख के लिए भी जाना जाता है. हालांकि, उन्होंने कभी भी खुलकर भारत की सराहना नहीं की लेकिन चीन के मुकाबले वह भारत को तरजीह देते हैं.

भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करेंगे रूबियो!

ट्रंप ने लैटिन अमेरिकन मार्को रुबियो को देश के अगले विदेश मंत्री के तौर पर चुना है. वह पहले रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में भी थे लेकिन बाद में ट्रंप ने इस पद के लिए जेडी वेंस का चुनाव किया. लेकिन विदेश मंत्रालय जैसा पद देकर ट्रंप ने रुबियो पर भरोसा जताया है.

अमेरिका के नए विदेश मंत्री के तौर पर मार्को रुबियो भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के मुखर समर्थक रहे हैं. उन्होंने भारत को हिंद-प्रशांत इलाके में एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में माना है. पिछले कुछ सालों में उन्होंने अमेरिका-भारत सहयोग को और गहरा करने की कोशिशों की वकालत की है, विशेष रूप से रक्षा और व्यापार के क्षेत्रों में.

उनका मानना है कि एशिया में चीन के प्रभाव को संतुलित करने में भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है. उन्होंने अक्सर मजबूत भारत-अमेरिका संबंधों की रणनीतिक अहमियत पर बात की है और ऐसी नीतियों की वकालत की है, जो न केवल साझा आर्थिक हितों को बढ़ावा देती हैं बल्कि दोनों देशों के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को भी मजबूत करती हैं.

भारत को लेकर क्या सोचते हैं स्कॉट बेसेंट?

बिजनेसमैन और निवेशक स्कॉट बेसेंट को ट्रंप अमेरिका के वित्त मंत्री के तौर पर चुनने जा रहे हैं. उन्हें ट्रंप का बेहद करीबी माना जाता है. ट्रंप के इन फैसलों से पहले उन्होंने बेसेंट ने फ्लोरिडा में मार-ए-लागो में उनसे मुलाकात की थी.

निवेशक और ट्रंप का करीबी होने के नाते यह माना जा रहा है कि वह चीन की नीतियों से विशेष खुश नहीं हैं और वह चीन के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकते हैं. लेकिन भारत को लेकर बेसेंट का रुख अभी तक तुलनात्मक रूप से सामान्य ही नजर आया है. वह भारत को एक बड़े बाजार के तौर पर देखते हैं और भारत-अमेरिका के बीच व्यापार बढ़ाने पर जोर दे सकते हैं.

पूर्व अमेरिकी जासूस बने CIA चीफ

डोनाल्ड ट्रंप ने सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी यानी सीआईए के निदेशक के रूप में नेशनल इंटेलिजेंस के पूर्व निदेशक जॉन रैटक्लिफ को चुना है. उन्हें ट्रंप के करीबी माना जाता है, जिन्होंने 2020 में अपने पहले कार्यकाल के अंत में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में काम किया था. पहले, यह अनुमान लगाया जा रहा था कि भारतीय मूल के पूर्व रिपब्लिकन हाउस स्टाफर कश्यप ‘काश’ पटेल को CIA प्रमुख के रूप में चुना जाएगा. हालांकि, अब ट्रंप ने रैटक्लिफ को CIA का प्रमुख घोषित कर दिया है.

एलॉन मस्क और विवेक रामास्वामी को अहम जिम्मेदारी

टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क और भारतवंशी विवेक रामास्वामी को डोनाल्ड ट्रंप सरकार में एक अहम जिम्मेदारी सौंपी है. दोनों को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशियंसी (DOGE) की अगुवाई करने को कहा गया है. यह विभाग ब्यूरोक्रेसी को क्लीन करने का काम करेगा.

ट्रंप ने इस डिपार्टमेंट को इस समय का द मैनहट्टन प्रोजेक्ट बताते हुए कहा कि इससे चार जुलाई 2026 तक पूरी संघीय ब्यूरोक्रेसी में व्यापक बदलाव आएंगे. उन्होंने कहा कि इस सरकार में धरातल पर काम अधिक होगा और नौकरशाही कम होगी. यह देश की आजादी की 250वीं वर्षगांठ पर अमेरिका के लिए बेशकीमती तोहफा होगा. मुझे यकीन हैं कि ये दोनों इसमें पूरी तरह से कामयाब होंगे.

ट्रंप ने कहा कि मस्क और रामास्वामी ब्यूरोक्रेसी में बदलाव करेंगे जिससे सभी अमेरिकी नागरिकों की जिंदगी और बेहतर होगी. सरकार के 6.5 ट्रिलियन डॉलर की धनराशि के अनावश्यक खर्च और धोखाधड़ी को रोका जाएगा. द मैनहटन प्रोजेक्ट दरअसल अमेरिकी सरकार का वो प्रोजेक्ट था, जिसके तहत अमेरिका ने परमाणु बम तैयार किया था.

प्राउड हिंदू हैं रामास्वामी!

भविष्य में एलॉन मस्क के साथ अमेरिकी कैबिनेट में अहम जिम्मेदारी संभालने वाले विवेक रामास्वामी भारतीय मूल के हैं. वह खुद को प्राउड हिंदू बताते हैं. वह कई मौकों पर कह चुके हैं कि मैं हिंदू हूं और मुझे इस पर गर्व है. मैं बिना किसी माफी के इसके लिए खड़ा हूं. मुझे लगता है कि मैं धार्मिक स्वतंत्रता के रक्षक के रूप में और भी ज्यादा उत्साही हो पाऊंगा.

उन्होंने एक मौके पर कहा था कि मैं एक हिंदू हूं. मुझे सिखाया गया है कि भगवान ने हम सबको यहां किसी मकसद से भेजा है. मैं कोई फर्जी हिंदू नहीं हूं, जिसने अपना धर्म बदला हो. मैं अपने करिअर के लिए झूठ नहीं बोल सकता. इस तरह विवेक रामास्वामी का इतने अहम पद पर होना भारत के लिए अच्छी खबर ही मानी जा रही है.

 

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