भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें जब पांचवे टेस्ट के लिए सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) में उतरेगी तो सब कुछ गुलाबी-गुलाबी नजर आएगा. सिडनी का स्टेडियम गुलामी रंग से रंग दिया जाएगा. टीम इंडिया तो अपने वैसे ही अंदाज में दिखेगी, जैसे पिछले 4 टेस्ट में थी लेकिन कंगारू खिलाड़ियों की जर्सी पर नाम और नंबर भी गुलाबी रंग में लिखे रहेंगे. मगर सिडनी में ऐसा क्यों होगा? इसकी वजह क्या है? आइए आपको विस्तार से सब कुछ बताते हैं.
इस शख्स की याद में पिंक टेस्ट
इसका सिर्फ नाम पिंक टेस्ट है लेकिन ये कोई डे-नाइट मैच नहीं है, जो पिंक बॉल से हो. ये एक सामान्य टेस्ट मैच ही है जो रेड बॉल से ही खेला जाता है. मगर यहां गुलाबी रंग का अलग महत्व है. असल में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी रहे ग्लेन मैक्ग्रा की पत्नी जेन मैक्ग्रा की ब्रेस्ट कैंसर से साल 2008 में मौत हो गई थी. इसके बाद साल 2009 से ऑस्ट्रेलिया साल का पहला टेस्ट उनकी याद में पिंक टेस्ट के रूप में खेलती है, जो ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ जागरुकता जगाने और फंडिंग के लिए होता है.
मैक्ग्रा के फाउंडेशन में जाएगा टिकट का पैसा
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले सीरीज के आखिरी मैच से जो भी कमाई होगी वो सारी कमाई मैक्ग्रा के फाउंडेशन में जाएगी. मैक्ग्रा ने अपनी दिवंगत पत्नी की याद में ‘मैक्ग्रा फाउंडेशन’ की स्थापना की थी. उनका फाउंडेशन ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों की मदद करता है. पिंक टेस्ट का सीधा सा उद्देश्य लोगों को कैंसर के प्रति जागरुक करना है. इस टेस्ट की टिकट बिक्री का पैसा चैरिटी के रूप में मैक्ग्रा फाउंडेशन में जाएगा जिससे इस तरह के रोगियों के इलाज में मदद मिलेगी.
कैसा है पिंक टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन?
2009 से ऑस्ट्रेलिया ने पिंक टेस्ट की शुरुआत की थी और अब तक वो 16 पिंक टेस्ट खेल चुका है. इसमें उसका रिकॉर्ड बेहद शानदार रहा है. 16 में से ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ एक पिंक टेस्ट हारा है जबकि 9 मुकाबलों में उसे जीत हासिल हुई है. वहीं 6 मैच ड्रॉ रहे. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में 3 जनवरी से खेला जाने वाला मैच ऑस्ट्रेलिया का 17वां पिंक टेस्ट होगा. अब यह देखना होगा कि सिडनी में ऑस्ट्रेलिया पिंक टेस्ट में अपनी जीत के आंकड़े को 10 तक पहुंचती है या फिर टीम इंडिया मैच जीतकर ऑस्ट्रेलिया को पिंक टेस्ट में दूसरी हार सौंपती है.