महादेव सट्टा ऐप से जुड़े लोगों पर लगातार कार्रवाई जारी है। प्रवर्तन निदेशालय और छत्तीसगढ़ EOW के बाद अब यूपी STF ने लखनऊ से अभय सिंह और संजीव सिंह को गिरफ्तार किया है। अभय महादेव बुक और अन्य गेमिंग बेटिंग ऐप का इंडिया हेड है। संजीव उसका सहयोगी है। अभय पर अरबों की जालसाजी का आरोप है। दोनों देवरिया के रहने वाले हैं।
महादेव बुक का नेटवर्क अभय सिंह का फुफेरा भाई अभिषेक दुबई से चलाता है। 32 कंपनियों के नाम पर इंडिया से 4000 सिम दुबई भेजे गए। इन्हीं सिम से जालसाजी का खेल खेला जाता था। इस पूरे सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए 12 हजार लोगों को नौकरी पर दुबई भेजा गया था। आरोपियों के पास से 264 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। इसमें से 138 वोडाफोन-आइडिया और 138 एयरटेल के सिम हैं। 4 मोबाइल, 2 पैन कार्ड, 2 आधार कार्ड, DL, 1 कार, चेन, ब्रेसलेट और फर्जी दस्तावेज सहित 11,620 रुपए बरामद किए गए हैं।
सिम के बदले देते थे 25 हजार रुपए सैलरी
महादेव बुक से जुड़े लोग गरीब-अनपढ़ लोगों से सिम लेते थे। इसके बदले उन्हें 25,000 रुपए सैलरी देते थे, फिर सिम को दूसरी कंपनी में पोर्ट कराकर जालसाजी करते थे। महादेव ऐप पर ED का शिकंजा कसने के बाद आरोपियों द्वारा कई गेमिंग और बेटिंग एप चलाए जा रहे हैं। IPL मैचों में हजारों करोड़ का सट्टा लगवाकर धोखाधड़ी हो रही है।
आरोपी अभय सिंह ने STF की पूछताछ में बताया कि “मेरी बुआ का लड़का अभिषेक सिंह दुबई में रहता है। वर्ष 2021 में अभिषेक ने फोन करके कहा कि अपने क्षेत्र से गरीब और अनपढ़ लोगों के नाम से सिम खरीदना है। महीने के 25,000 रुपए सैलरी और 500 रुपए प्रति सिम मिलेगा। सिम एक कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्ट करना है।
इसके बाद सिम खरीदकर पोर्ट कराने का काम शुरू कर दिया गया। एक महीने में 30-35 सिम पोर्ट कराकर छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले पिंटू उर्फ शुभम सोनी को दिए। पिंटू अभिषेक के साथ काम करता था। सिम का UPC कोड अभिषेक के साथ काम करने वाले भिलाई के ही चेतन को भेजता था।”
पहली बार मिली 75 हजार सैलरी
अभय ने बताया कि मुझे पहली सैलरी 75 हजार रुपए मिली। इसके बाद कॉर्पोरेट सिम खरीदने का काम दिया गया। फर्जी दस्तावेज से कंपनियों के नाम पर इन सिम को रजिस्टर्ड किया गया। इसमें चेतन भी कुछ कंपनी के दस्तावेज और फर्जी आधार कार्ड भेजता था। इन सिम के एक्टिवेशन पर 2 हजार रुपए का कमीशन मिलता था।
पिंटू इस पूरे नेटवर्क का सुपरविजन करता था। महीने में 150-200 सिम एक्टिवेट कराकर दुबई भेजता था। फरवरी 2024 से कॉर्पोरेट सिम लेने पर कंपनी के साथ-साथ कर्मचारी के नाम का भी KYC होने लगा। हाल में ही आरोपियों ने एक व्यक्ति के नाम पर 5-6 सिम खरीदी। गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, जयपुर, पुणे, मुंबई और ओडिशा से फर्जी तरीके से सिम पोर्ट और एक्टिवेट कराए गए।
नौकरी के लिए 12 हजार लोग दुबई भेजे गए
आरोपी ने बताया कि इन कंपनियों में काम करने के लिए 10-12 हजार लोग भारत से दुबई भेजे गए, जो गेमिंग ऐप के बैंक अकाउंट, वॉट्सऐप/टेलीग्राम अकाउंट और अन्य सर्विस देखते हैं। इस समय टेलीग्राम और वॉट्सऐप ग्रुप के माध्यम से IPL में भी हजारों करोड़ का सट्टा लगाया जा रहा है। इसका प्रमोशन और मार्केटिंग भी विभिन्न कंपनी के माध्यम से किया जाता है। कंपनियों की तरफ से बैंक खाता किराए पर लिया गया है। साथ ही कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराकर सिम पोर्ट कर दुबई भेजा जाता है।