विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के होने वाले अगले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अपील पर प्रतिक्रिया दी है. ट्रंप की अपील थी कि ब्रिक्स के सभी देश उनके सामने यह सुनिश्चित करें कि वे डॉलर के खिलाफ कोई नई करेंसी नहीं बनाएंगे और किसी ऐसी करेंसी का समर्थन भी नहीं करेंगे. ऐसा करने पर उन्होंने 100 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. विदेश मंत्री ने अब स्पष्ट किया है कि भारत का डॉलर को कमजोर करने का कोई इरादा नहीं है.
विदेश मंत्री ने कतर के दोहा फोरम में एक पैनल डिस्कशन में कहा, “मुझे स्पष्ट रूप से नहीं पता कि ट्रिगर किस चीज के लिए था, लेकिन मैंने हमेशा कहा है कि भारत कभी भी डी-डॉलराइजेशन में शामिल नहीं रहा है. फिलहाल, ब्रिक्स करेंसी बनाने का ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.” उन्होंने यह भी साफ किया कि ब्रिक्स में शामिल देशों का मसले पर आइडेंटिकल पॉजिशन नहीं है. उनके कहने का मतलब है कि देशों की अपनी राय हो सकती है.
100 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी
कुछ दिनों पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल हैंडल पर एक पोस्ट में उन देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी जो डॉलर के खिलाफ जाएंगे. उन्होंने यह स्पष्ट करने को कहा था कि ब्रिक्स देश यह सुनिश्चित करें कि वे ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे डॉलर कमजोर हो, और डॉलर को रिप्लेस करे.
ट्रंप ने अपने पोस्ट में कहा था, “हमें कमिटमेंट चाहिए… वे कभी भी कोई नया ब्रिक्स करेंसी नहीं बनाएंगे, और किसी ऐसी करेंसी का समर्थन भी नहीं करेंगे जो ताकतवर डॉलर को रिप्लेस करे, या नहीं तो उन्हें 100 फीसदी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.”
तो अमेरिका को कहना पड़ेगा गुडबाई
डोनाल्ड ट्रंप जनवरी 2025 में दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की कमान संभालेंगे और इससे पहले उन्होंने डॉलर को कमजोर करने का इरादा रखने वाले देशों को सख्त लहजे में चेतावनी दी है, और कहा है, “ऐसा करने वाले देश उम्मीद कर सकते हैं कि उन्हें अमेरिका की शानदार इकॉनोमी में बेचने के लिए गुडबाई कहना पड़ सकता है.” ट्रंप ने कहा कि ऐसा हो ही नहीं सकता कि कोई करेंसी इंटरनेशनल ट्रेड में डॉलर को कमजोर कर पाए, और ऐसा करने का इरादा करने वालों को अमेरिका को गुडबाई कहना पड़ेगा.