भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने मंगलवार को कहा कि गुजरात के खावड़ा में अदाणी समूह के नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र का उनका दौरा एक सीखने वाला अनुभव रहा कि किस तरह कंपनी शून्य-उत्सर्जन की तरफ भारत की यात्रा में मदद कर रही है. अदाणी समूह गुजरात के कच्छ स्थित खावड़ा में परती जमीन पर दुनिया की सबसे बड़ी 30 हजार मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना का विकास कर रही है. कुल 538 वर्ग किलोमीटर में बनने वाली यह परियोजना क्षेत्रफल के मामले में पेरिस की तुलना में पांच गुना और मुंबई शहर के लगभग बराबर है.
गार्सेटी ने X पर लिखा, “गुजरात में खावड़ा नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना के दौरे से में प्रेरित हूं, जहां मैंने शून्य-उत्सर्जन लक्ष्य की तरफ भारत की यात्रा में मदद कर रही अदाणी ग्रीन की परियोजनाओं के बारे में जाना.” उन्होंने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा पर्यावरण के क्षेत्र में नेतृत्व की आधारशिला है. गार्सेटी ने कहा, “इस क्षेत्र तथा दुनिया के स्वच्छ एवं हरित भविष्य के लिए समाधानों को आकार देने में हमारी द्विपक्षीय भागीदारी महत्वपूर्ण है.”
Thank you @USAmbIndia for visiting World’s largest renewable energy plant at #Khavda, Gujarat & witness firsthand our efforts in accelerating clean energy transition. We are excited to strengthen our partnership for a low-carbon economy &sustainable tomorrow.… https://t.co/DVUXEF3rP3
— Adani Green Energy Ltd. (@AdaniGreen) July 16, 2024
भूमि पूजन के महज 12 महीने के भीतर खावड़ा स्थित दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र में पहले दो गीगावाट का कमीशन होना अपने-आप में रिकॉर्ड है. नवीकरणीय ऊर्जा में विकास की संभावनाओं को देखते हुए, अदाणी ग्रीन एनर्जी ने वित्त वर्ष 2029-30 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का अपना लक्ष्य 45 GW से बढ़ाकर 50 GW कर दिया है. वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने 2.8 GW की अतिरिक्त क्षमता जोड़ी है जो देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि का 15 प्रतिशत है.